पिता और मोदी जी के नाम पर चुनाव जीतने वाले ने किया डालटनगंज का बेड़ागर्ग: दिलीप सिंह

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पलामू, 23 अक्टूबर (हि.स.)।प्रथम विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी के पुत्र दिलीप सिंह नामधारी ने डालटनगंज विधानसभा सीट के लिए बुधवार को निर्दलीय नामांकन किया। भारी संख्या में समर्थकाें के साथ रैली निकाल कर नामांकन के लिए समाहरणालय पहुंचे और निर्वाची पदाधिकारी सह सदर अनुमंडल पदाधिकारी सुलोचना मीणा के समक्ष नामांकन दाखिल किया।

नामांकन से पहले शिवाजी मैदान में जनसभा हुई। यहां प्रथम विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी, दिलीप सिंह नामधारी एवं अन्य समर्थक और कार्यकर्ताओं ने सैकड़ांे की संख्या में अपनी भागीदारी निभायी।

मौके पर इंदर सिंह नामधारी ने कहा कि जनता का विश्वास होने पर ही कोई व्यक्ति निर्दलीय चुनाव लड़ने की हिम्मत करता है। उन्होंने भी इस तरह के फैसले लिए थे। यह सब जनता के सहयोग से ही संभव हो पाया। उनके पुत्र दिलीप भी उनके नक्शे कदम पर चले हैं। उन्हंे उम्मीद है कि झारखंड में अगर कोई निर्दलीय चुनाव लड़कर जीतेगा तो वह दिलीप सिंह नामधारी होगा।

उन्होंने कहा कि चतरा लोकसभा क्षेत्र का उन्होंने प्रतिनिधित्व किया है। वहां एक भी सिख परिवार नहीं है। आज जब चुनाव में लोग उतरते हैं तो पहले जाति की बात होती है। पार्टियां जाति देखकर टिकट देती है, लेकिन डालटनगंज और चतरा से उन्होंने जब चुनाव जीता तो जाति और फारवर्ड-बैकवर्ड की फिलिंग धाराशायी हो गयी। डालटनगंज की जनता ने उन्हें 6 बार विधायक बनाया। अगर जाति पर चुनाव लड़ता तो यहां से कभी भी विधायक और सांसद नहीं बन पाता। उन्हांेने अपने कार्यकाल में किए गए ईमानदारीपूर्वक कार्यों की भी चर्चा की।

मौके पर दिलीप सिंह नामधारी ने कहा कि मैं कार्यकर्ताओं के कहने पर चुनाव मैदान में उतरा हूं। एक समय कार्यकर्ता उन्हंे किसी पार्टी से चुनाव लड़ने की सलाह दे रहे थे। कार्यकर्ताआंे की सलाह पर कांग्रेस आलाकमान से संपर्क किया गया। रूख सही था, लेकिन आज 23 तारीख हो गए। 25 अक्टूबर को नामांकन की अंतिम तिथि है, लेकिन अभी तक कांग्रेस उम्मीदवार की मौजूदगी नहीं है। ऐसे में कांग्रेस के टिकट पर कैसे चुनाव लड़ा जा सकता है। उन्हाेंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि आजकल टिकटों को लेकर क्या सेटिंग चलती है पता नहीं चलता?

दिलीप ने वर्तमान विधायक आलोक चौरसिया पर हमला बोलते हुए कहा कि एक बार अपने स्व. पिता और एक बार मोदी जी के नाम पर चुनाव जीतने वाले आलोक चौरसिया ने पिछले 10 साल के कार्यकाल में डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र का बेड़ागर्ग कर दिया है। एक दशक में भी कोई बदलाव देखने को नहीं मिलता। सड़कों का हाल बुरा है। अफसरशाही हावी है। जिनकी जमीन के कागजात सही हैं, उनका म्यूटेशन बिना घूस दिए नहीं हो पता है। यह सब कमजोर जनप्रतिनिधि के रहने के कारण होता है।