विश्व में 50 से अधिक मुस्लिम बहुल देश हैं। उनमें से कुछ भारत के पड़ोसी देशों जैसे पाकिस्तान और बांग्लादेश में स्थित हैं। जब हम मुस्लिम देशों का जिक्र करते हैं तो सबसे पहले जो छवि दिमाग में आती है वह है बुर्का पहने और लंबी दाढ़ी वाली महिलाएं और सलवार पजामा पहने पुरुष। इसमें विशेषकर महिलाओं के लिए कई विशेष नियम हैं। लेकिन इन सबसे बढ़कर कुछ ऐसे देश भी हैं जहां मुस्लिम महिलाओं को काफी आजादी है और वे खुलकर अपना जीवन जीती हैं। विश्व में लगभग 1.8 अरब लोग इस्लाम धर्म को मानते हैं। इसका मतलब है कि दुनिया की कुल आबादी के 20 प्रतिशत से अधिक लोग इस्लाम का पालन करते हैं। कुछ देश ऐसे हैं जो बहुत उदार हैं और विश्व अर्थव्यवस्था का केंद्र बन गए हैं। इनमें से एक देश तो इतना आधुनिक है कि वह लड़की को बिना शादी के भी मां बनने की इजाजत देता है।
सबसे आधुनिक मुस्लिम देश
इस्लामिक देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को दुनिया का सबसे आधुनिक मुस्लिम देश माना जाता है। कुछ साल पहले यहां एक कानून बनाया गया था जिसके तहत यहां रहने वाली लड़कियों या महिलाओं को बिना शादी किए मां बनने की इजाजत दी गई थी। हालाँकि यह कानून यहाँ रहने वाले गैर-मुस्लिमों के लिए बनाया गया है। जिसे ‘फेडरल पर्सनल स्टेटस लॉ’ नाम दिया गया है।
करीब 2 साल पहले जब यूएई ने यह नियम लाया था तो शादी से लेकर तलाक और संपत्ति के अधिकार तक पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हुई थी। सऊदी अरब सरकार ने इस ऋण को इतना उदार बनाया कि इसकी तुलना किसी भी यूरोपीय देश से की जा सकती है। यह कानून यूएई में रहने वाले गैर-मुसलमानों के लिए विवाह, तलाक, बच्चों की हिरासत, संपत्ति के अधिकार, वसीयत आदि के संबंध में बहुत उदार है। इस कानून से यहां रहने वाले विदेशियों को अधिक धार्मिक स्वतंत्रता और अपनी मान्यताओं के अनुसार जीवन जीने की आजादी मिली है।
पिता का नाम बताने की जरूरत नहीं है। दुनिया के
सबसे अमीर देशों में से एक यूएई के कानून के तहत लड़की बिना शादी के भी मां बन सकती है। इसके लिए उसे बच्चे के पिता का नाम बताने की भी जरूरत नहीं है। बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र पति के नाम के बिना भी बनाया जा सकता है। इस कानून के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाली कोई भी गैर-मुस्लिम लड़की अपने पिता या परिवार की सहमति के बिना 21 वर्ष की आयु में अपनी पसंद से शादी कर सकती है। यदि कोई गैर-मुस्लिम दम्पति तलाक लेना चाहता है तो वे आपसी सहमति से तलाक ले सकते हैं। अथवा पति-पत्नी में से कोई भी तलाक के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है। यहां यह उल्लेखनीय है कि इस कानून में संशोधन को 27 नवंबर, 2021 को मंजूरी दी गई थी। और कहा जा रहा है कि नया कानून 1 फरवरी 2023 से लागू हो जाएगा। इस कानून के पारित होने के बाद इसे अरब जगत के इतिहास में सबसे बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।