देश में चालू वर्ष का अप्रैल महीना 1921 के बाद सबसे गर्म रहा

इस साल अप्रैल महीने में गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. देश के विभिन्न हिस्सों में रविवार सबसे गर्म दिन रहा. 1921 के बाद अप्रैल महीने में इतनी गर्मी पड़ी थी. गर्मी ऐसी पड़ रही है मानो जून का महीना हो।

इस बार की गर्मी चौंकाने वाली है क्योंकि यह केरल , ऊटी , माथेरान और बेंगलुरु के कुछ हिस्सों में भी देखी गई है जहां इन दिनों मौसम आमतौर पर सुहावना रहता है।

देश के कई इलाकों में पारा 43 तक पहुंच गया है. भीषण गर्मी का असर लोकसभा चुनाव के मतदान पर भी पड़ रहा है. पहले दो चरणों में करीब 60 से 62 फीसदी मतदान हुआ है.

तीसरे चरण के मतदान से पहले मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अगले पांच दिन इससे भी ज्यादा गर्म रहने वाले हैं. चेतावनी के मुताबिक, अगले दो चरणों में जिन जगहों पर मतदान होना है, वहां भीषण गर्मी का असर सबसे ज्यादा दिखेगा.

आईएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले दो चरणों में जिन 191 सीटों पर मतदान होना है, उनमें से 186 सीटों पर जोरदार मुकाबला होने वाला है। इन जगहों पर तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होगा.

पश्चिम बंगाल , ओडिशा , बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में अगले पांच दिनों तक भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है। इसके अलावा रायलसीमा , कर्नाटक , आंध्र और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ सकती है।

रविवार को केरल के अलाप्पुझा में 38 डिग्री , बेंगलुरु में 38.5 डिग्री , तमिलनाडु के धर्मपुरी में 41.2 डिग्री , बंगाल के डायमंड हार्बर में 41.3 डिग्री , आंध्र प्रदेश के कुरनूल में 45.2 डिग्री , आंध्र प्रदेश के नंद्याल में 45.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.