यूपी का वो 'चमत्कारी' गाँव, जहाँ के थाने में 30 साल से नहीं लिखी गई कोई FIR!

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जब भी हम उत्तर प्रदेश के किसी गाँव का ख्याल मन में लाते हैं, तो अक्सर कैसी तस्वीरें बनती हैं? ज़मीन-जायदाद के झगड़े, छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई और थाने-कचहरी के चक्कर... है न?

लेकिन आज हम आपको यूपी के एक ऐसे अनोखे और 'चमत्कारी' गाँव के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी कहानी सुनकर आप हैरान भी होंगे और शायद यकीन भी न कर पाएं। यह एक ऐसा गाँव है, जिसके थाने में पिछले 30 सालों से एक भी FIR दर्ज़ नहीं हुई है! जी हाँ, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। 30 साल, और एक भी FIR नहीं!

यह अद्भुत गाँव कहीं और नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में है और इसका नाम है "घसियारीपुरा"।

आखिर ऐसा क्या जादू है इस गाँव में?

इस गाँव की कहानी किसी मिसाल से कम नहीं है। जहाँ शहरों और गाँवों में रोज़ाना न जाने कितने लड़ाई-झगड़े होते हैं और मामले थाने तक पहुँचते हैं, वहीं घसियारीपुरा के लोगों ने अपनी समझदारी और आपसी भाईचारे की एक ऐसी दीवार खड़ी कर ली है, जिसे कोई झगड़ा भेद ही नहीं पाता।

इस गाँव की सबसे खास बात यहाँ की आपसी पंचायत व्यवस्था है।

थाना-पुलिस नहीं, 'पंच' ही हैं यहाँ के जज

इस गाँव में अगर कभी किसी के बीच कोई छोटा-मोटा मनमुटाव या झगड़ा हो भी जाता है, तो लोग पुलिस के पास नहीं भागते। इसके बजाय, गाँव के बड़े-बुज़ुर्ग और समझदार लोग एक साथ बैठते हैं, जिन्हें 'पंच' कहा जाता है।

  • वे दोनों पक्षों की बात को शांति से सुनते हैं।
  • मामले की तह तक जाते हैं और पता लगाते हैं कि गलती किसकी है।
  • और फिर आपसी सहमति से एक ऐसा हल निकालते हैं, जो दोनों पक्षों को मंजूर होता है।

इस पंचायत का फैसला गाँव के लिए किसी कोर्ट के फैसले से कम नहीं होता और हर कोई उसे सिर झुकाकर मानता है। इसी अनोखी व्यवस्था की वजह से पिछले 30 सालों में एक भी मामला इतना नहीं बढ़ा कि उसे थाने ले जाने की ज़रूरत पड़े।

अपराध तो दूर, झगड़ा भी नहीं होता

थाने के रिकॉर्ड खुद इस बात की गवाही देते हैं। जब भी कोई नया पुलिसवाला इस थाने में आता है, तो वह भी इस गाँव के बारे में सुनकर हैरान रह जाता है। इस गाँव के लोग खेती-किसानी और मेहनत-मजदूरी करके अपना जीवन शांति से बिताते हैं। यहाँ के लोगों का मानना है कि 'आपसी लड़ाई में किसी का भला नहीं होता, सिवाय बर्बादी के'।

घसियारीपुरा गाँव आज के उस दौर में एक जीती-जागती मिसाल है, जहाँ लोग छोटी-छोटी बातों पर एक-दूसरे की जान लेने पर उतारू हो जाते हैं। यह गाँव हमें सिखाता है कि अगर आपस में प्यार, सम्मान और समझदारी हो, तो बड़ी से बड़ी समस्या को भी बिना किसी पुलिस-कचहरी के सुलझाया जा सकता है। यह सचमुच में एक 'राम-राज्य' वाला गाँव है।

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