दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक समिति ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ मामले की जांच शुरू की

J1mpzd4hvefmwka03qdsof5kecquq2kqvulkbcpa

सुप्रीम कोर्ट की एक आंतरिक समिति ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में लगी आग के दौरान 500 रुपये के आधे जले नोटों से भरे चार से पांच बैग मिलने की जांच शुरू कर दी है।

 

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त इस समिति के तीन सदस्य – पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जी. एस. संधावलिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अनु शिवरामन की टीम मंगलवार को जांच के लिए न्यायमूर्ति वर्मा के 30, तुगलक क्रिसेंट स्थित बंगले पर पहुंची। जांच के दौरान समिति के सदस्य बंगले में 30-35 मिनट तक रुके। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया। उल्लेखनीय है कि 14 मार्च की देर रात जस्टिस वर्मा के बंगले में आग लगने के बाद अधजले नोट मिले थे।

दिल्ली के पांच पुलिसकर्मी रडार पर

न्यायमूर्ति वर्मा के बंगले में आग लगने की घटना के सिलसिले में दिल्ली पुलिस के पांच जवान भी जांच के दायरे में आ गए हैं। 14 मार्च को हुई दुर्घटना की रात सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वालों में पांच पुलिस अधिकारी शामिल थे। सोमवार सुबह दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने सभी पांच पुलिसकर्मियों को अपने कार्यालय में बुलाया और उनसे पूछताछ में सहयोग करने को कहा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव

इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। एसोसिएशन ने कहा कि न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही तुरंत शुरू की जानी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश को इसके लिए सिफारिश करनी चाहिए।