अखंड भारत का विचार एक विचार नहीं वरन अडिग संकल्प है : अजय कुमार

हरिद्वार, 29 मई (हि.स.)। उत्तराखंड बजरंग दल के हरिद्वार में चल रहे शौर्य प्रशिक्षण वर्ग में भारत अखंड विषय पर बोलते हुए विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री अजय कुमार ने कहा कि ईरान व इंडोनेशिया के बीच के पूरे भू भाग को आर्यावर्त अथवा भारतवर्ष या हिंदुस्तान कहा जाता है।

उन्होंने कहा कि यह संपूर्ण भू-भाग कभी अखंड भारत का हिस्सा था। भारतवर्ष का पिछले दो हजार पांच सौ सालों में 24 बार विभाजन हुआ है। मुगलों के पश्चात अंग्रेजो का ईस्ट इण्डिया कम्पनी के रूप में व्यापारी बनकर भारत आना, फिर धीरे-धीरे शासक बनना और उसके बाद सन 1857 से सन 1947 तक उन्होंने भारत का 7 बार विभाजन किया था। आज ईरान से लेकर इंडोनेशिया के बीच भारत को छोड़कर जितने भी देश हैं वह सभी इस अखंड भारत के विभाजन से ही बने हैं। उन्होंने कहा कि हजारों वर्षों के बाद यदि यहूदियों को अपनी मातृभूमि ‘इजराइल’ के रूप में मिल सकती है, सदियों से पुराने दुश्मन रहे देशों के साथ यदि आज यूरोप एक हो रहा है, तो हमारा खंडित भारत भी ‘अखंड भारत’ के रूप में निश्चित ही खड़ा होगा।

प्रांत संगठन मंत्री ने कहा कि अखंड भारत का विचार एक विचार नहीं वरन अडिग संकल्प है। सदा प्रेरणा देने वाला स्वपन है। उन्होंने कहा वीर सावरकर ने कहा था कि मुझे स्वराज्य प्राप्ति की खुशी है, परंतु इसका दुख है कि वह खंण्डित है। आज मां भारती अपने वीर पुत्रों को पुकार रही है। हमें भारत की अखण्डता के संकल्प को पूर्ण करना है। इस बात का संकल्प लेना होगा कि इस प्राचीन राष्ट्र को पुनः अपना खोया हुआ गौरव प्राप्त कराने और एक संगठित, समृद्ध, शक्तिशाली, सामर्थ्यवान राष्ट्र का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ाना ही हमारी नियति है, जिसे अपने पुरुषार्थ से हमें प्राप्त करना है।