नैनीताल, 27 मई (हि.स.)। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने सोमवार को नैनीताल राजभवन में विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों से अलग-अलग बैठक कर मंडल एवं जिले की समस्याओं-योजनाओं के बारे में जानकारियां ली।
राज्यपाल ने सर्वप्रथम कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत से बैठक कर मंडल में हुई वनाग्नि की घटनाओं और उन पर की गई कार्रवाइयों के बारे में जानकारी ली। साथ ही राज्य में चरम पर चल रहे पर्यटन सीजन में पर्यटकों के दबाव को देखते हुए नैनीताल में जाम की समस्या के ठोस समाधान और नई पार्किंग विकसित किए जाने को कहा।
इसके अलावा राज्यपाल ने हल्द्वानी में सुनियोजित विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों और आगामी कार्ययोजना के बारे में आयुक्त से जानकारी ली और मानसखंड क्षेत्र में पर्यटकों की सुविधाओं के लिए किए जा रहे कार्यों और अन्य विकास योजनाओं के बारे में भी चर्चा की। इसके बाद राज्यपाल ने डीएफओ चंद्रशेखर जोशी से वन विभाग के क्रियाकलापों सहित वनाग्नि की घटनाओं और इसे रोकने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि राज्य में 70 प्रतिशत से अधिक वन हैं, लेकिन प्रत्येक वर्ष वनाग्नि से हमारी बहुमूल्य वन संपदा को नुकसान हो रहा है। वन विभाग को वनाग्नि की घटनाओं को कम करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने और जन सहभागिता को बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने नैनीताल जिले में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए विभाग के प्रयासों की सराहना भी की।
राज्यपाल ने इनके अलावा नैनीताल जनपद के मुख्य विकास अधिकारी अशोक कुमार पांडेय से जिले में स्वयं सहायता समूहों की ओर से तैयार किए जा रहे उत्पादों और उनके विपणन के लिए विभागीय प्रयासों की जानकारी ली। राज्यपाल ने जिले में पंजीकृत होम स्टे के संबंध में जानकारी लेते हुए सीडीओ को होम स्टे की संख्या में और वृद्धि करने, जनपद में भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने के लिए पुराने नालों का संरक्षण और उनके पुनर्जीवीकरण के प्रयास करने को कहा। साथ ही नैनीताल के अलावा अन्य पर्यटन क्षेत्रों को भी विकसित किये जाने के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत बताई।