जयपुर, 1 अप्रैल (हि.स.)। साल का पहला सूर्य ग्रहण सोमवार 8 अप्रैल को लगेगा। भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण आठ अप्रैल को रात 9 बजकर बारह मिनट से शुरू होगा और 9 अप्रैल को मध्य रात्रि में दो बजकर बाइस मिनट पर इसका समापन होगा।
चंद्र ग्रहण की तरह ही सूर्य ग्रहण को भी भारत से नहीं देखा जा सकेगा। सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले इसका सूतक काल शुरू हो जाता है और ग्रहण लगने के बाद तक रहता है, लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा, इसलिए यहां पर इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
ज्योतिषाचार्य पंडित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि कि सूर्य ग्रहण कनाडा, मेक्सिको, यूनाइटेड स्टेट्स, अरूबा, बर्मुडा, करेबियन नीदरलैंड, कोलंबिया, कोस्टा रिका, क्यूबा, डोमिनिका, ग्रीनलैंड, आयरलैंड, आइसलैंड, जमाइका, नॉर्वे, पनामा, निकारगुआ, रूस, पोर्तो रिको, सैंट मार्टिन, स्पेन, द बहामास, यूनाइटेड किंग्डम और वेनेजुएला समेत दुनिया के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा।
वैज्ञानिक नजरिए से देखा जाए तो सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना मात्र है, लेकिन धार्मिक दृष्टि से इसे शुभ नहीं माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण काल के दौरान हमारे आसपास की हर चीज प्रभावित होती है। ऐसे में कुछ काम को करने से बचना चाहिए।
सूर्य ग्रहण से पहले 25 मार्च को साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगा था, जो कि भारत में दिखाई नहीं दिया था, इसलिए इसका प्रभाव भी यहां पर मान्य नहीं हुआ।