Chhattisgarh Police : एनकाउंटर के खौफ ने तोड़ी 20 नक्सलियों की कमर, 33 लाख के इनामी भी बोले-अब और नहीं

Post

News India Live, Digital Desk: छत्तीसगढ़ के बस्तर में चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। एनकाउंटार में मारे जाने के डर और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 20 नक्सलियों ने एक साथ सरेंडर कर दिया है। सबसे खास बात यह है कि इनमें वो खूंखार नक्सली भी शामिल हैं, जिन पर सरकार ने कुल 33 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। इन नक्सलियों के हथियार डालने से इलाके में नक्सलवाद की नींव हिल गई है।

पुलिस का बढ़ता दबाव और घर वापसी की चाह

यह बड़ी सफलता दंतेवाड़ा पुलिस को मिली है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लगातार चल रहे "ऑपरेशन विकास" और सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव के कारण नक्सलियों के हौसले पस्त हो रहे हैं। जंगलों में उनकी सप्लाई चेन टूट गई है और उन्हें खाने-पीने तक की दिक्कत हो रही है। ऊपर से हर वक्त एनकाउंटर में मारे जाने का खौफ उन्हें सता रहा था।

सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने बताया कि वे संगठन की खोखली विचारधारा से तंग आ चुके थे और अब एक आम इंसान की तरह अपने परिवार के साथ जीना चाहते हैं। उन्हें सरकार की पुनर्वास नीति पर भरोसा है, जिसके तहत उन्हें समाज की मुख्यधारा में लौटने का मौका मिलेगा।

कौन हैं ये बड़े इनामी नक्सली?

हथियार डालने वालों में कई ऐसे बड़े चेहरे भी शामिल हैं, जो सालों से हत्या, लूट और अपहरण जैसी कई बड़ी वारदातों में शामिल थे। इनमें से कुछ पर 5 लाख, 8 लाख और यहां तक कि 10 लाख तक का इनाम था। इन कमांडरों का सरेंडर करना नक्सली संगठनों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि ये लोग भर्ती करने और हमलों की योजना बनाने में अहम भूमिका निभाते थे। पुलिस अब इन सरेंडर किए हुए नक्सलियों से पूछताछ कर संगठन के बाकी राज उगलवाने की कोशिश कर रही है। यह घटना दिखाती है कि अब बस्तर में बदलाव की हवा बह रही है और नक्सली भी समझ चुके हैं कि हिंसा का रास्ता कहीं नहीं जाता।

--Advertisement--