पितरों की विदाई पर लगेगा ग्रहण का 'साया'! जानिए सूतक लगेगा या नहीं और आप पर क्या होगा असर?
सोचिए ज़रा, एक तरफ हम पितृ पक्ष के आखिरी दिन अपने सभी ज्ञात-अज्ञात पूर्वजों को याद करके उन्हें विदा कर रहे होंगे, और ठीक उसी समय आसमान में एक अद्भुत और दुर्लभ खगोलीय घटना घट रही होगी - साल का आखिरी सूर्य ग्रहण!
जी हाँ, इस साल 2025 में एक ऐसा अनोखा संयोग बन रहा है, जब सर्वपितृ अमावस्या और सूर्य ग्रहण एक ही दिन पड़ रहे हैं। जब भी धर्म और विज्ञान का ऐसा मेल होता है, तो हम सभी के मन में हज़ारों सवाल उठते हैं। "क्या यह शुभ है या अशुभ?", "क्या हमें डरने की ज़रूरत है?", और सबसे बड़ा सवाल - "क्या सूतक काल के नियम मानने होंगे?"
तो चलिए, आपकी सारी उलझनों को बिल्कुल आसान भाषा में सुलझाते हैं।
सबसे बड़ा सवाल: क्या यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा?
आपके मन का बोझ हल्का कर देते हैं। इसका सीधा और सरल जवाब है – नहीं।
यह सूर्य ग्रहण भारत के किसी भी हिस्से से दिखाई नहीं देगा। इसका मतलब है कि आपको इसे देखने के लिए कोई खास चश्मा या उपकरण ढूंढने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और न ही आसमान में कोई अंधेरा छाएगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से दुनिया के दूसरे हिस्सों, जैसे दक्षिणी अमेरिका और प्रशांत महासागर के इलाकों में ही दिखाई देगा।
जब ग्रहण दिखेगा ही नहीं, तो क्या सूतक काल लगेगा?
यह सबसे ज़रूरी सवाल है, जिसका जवाब जानना हम सबके लिए बहुत ज़रूरी है। हमारे देश में ग्रहण को लेकर एक नियम है जिसे 'सूतक काल' कहते हैं। यह ग्रहण से कुछ घंटे पहले शुरू हो जाता है और इस दौरान पूजा-पाठ और खाने-पीने जैसे कई कामों को करने की मनाही होती है।
लेकिन मज़ेदार बात यह है कि ज्योतिष और धर्म के जानकार कहते हैं कि सूतक काल के नियम केवल वहीं लागू होते हैं, जहाँ ग्रहण आंखों से दिखाई देता है।
चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए यहाँ के लोगों के लिए कोई भी सूतक काल मान्य नहीं होगा। आप अपनी सामान्य दिनचर्या जारी रख सकते हैं और सर्वपितृ अमावस्या की पूजा-पाठ और श्राद्ध कर्म बिना किसी रोक-टोक के पूरे विधि-विधान से कर सकते हैं।
तो क्या हमें कोई सावधानी बरतने की ज़रूरत नहीं है?
भले ही सूतक काल लागू नहीं हो रहा है, लेकिन जब भी ग्रहण जैसी कोई बड़ी खगोलीय घटना होती है, तो उसका असर पूरी पृथ्वी और हमारे मन-मस्तिष्क पर पड़ता है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना हमेशा अच्छा होता है:
- गर्भवती महिलाएं: ऐसी मान्यता है कि गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। भले ही ग्रहण न दिखे, फिर भी वे इस दौरान घर के अंदर रहकर आराम कर सकती हैं और धारदार वस्तुओं का इस्तेमाल करने से बच सकती हैं।
- ध्यान और मंत्र जाप: ग्रहण का समय ध्यान लगाने और मंत्रों का जाप करने के लिए बहुत शक्तिशाली माना जाता है। इस दौरान आप अपने घर में बैठकर "ॐ नमः शिवाय" या अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
- पितरों को करें याद: क्योंकि यह दिन सर्वपितृ अमावस्या का है, इसलिए आप अपना पूरा ध्यान अपने पूर्वजों को याद करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने में लगा सकते हैं।
संक्षेप में कहें तो, इस दुर्लभ संयोग से आपको घबराने की बिल्कुल भी ज़रूरत नहीं है। यह भारत के लिए किसी भी तरह की पाबंदी लेकर नहीं आ रहा है। आप पूरे मन से अपने पितरों को याद करें और उन्हें श्रद्धापूर्वक विदा करें।
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