खौफनाक फैसले का ठीकरा भगवान के सिर फोड़ा…, मशहूर एक्ट्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के CJI पर कसा तंज

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स्वरा भास्कर: बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के फैसले पर सवाल उठाते हुए राजनीतिक हंगामा मच गया है. स्वरा भास्कर ने बिना नाम लिए अयोध्या राम मंदिर पर आए फैसले को भयावह बताया है. स्वरा भास्कर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, ‘देश के मुख्य न्यायाधीश ने भयानक फैसले के लिए भगवान को जिम्मेदार ठहराया है.’ हाल ही में मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा था कि उन्होंने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के समाधान के लिए भगवान से प्रार्थना की है। इस पर स्वरा भास्कर ने आपत्ति जताई और ये पोस्ट किया. 

स्वरा भास्कर ने लिखा, ‘देश का शीर्ष जज कितनी आसानी से अपने भयावह फैसले के लिए भगवान को दोषी ठहरा रहा है!’ इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) ने भी मुख्य न्यायाधीश के उक्त बयान पर सवाल उठाया है. 

चेहरे पर व्यंग्य भी था 

अपने मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में, शिवसेना ने लिखा, ‘…क्या न्याय संविधान के प्रावधानों के अनुसार कानून द्वारा किया जाता है? न्यायाधीशों को अब इस बारे में अपने प्रभु से पूछना चाहिए। चंद्रचूड़ साहब ने ये रास्ता दिखाया है. चीफ जस्टिस कहते हैं, ”जब बाबरी केस, अयोध्या में राम मंदिर का केस मेरे सामने आया तो मैं भगवान के सामने बैठा. मैंने भगवान से मामले को सुलझाने की प्रार्थना की. मैंने भगवान से कहा, अब आप ही कोई उपाय करें। मुख्य न्यायाधीश भगवान से प्रार्थना करने के लिए कहाँ बैठे थे? विष्णु के तेरहवें या चौदहवें अवतार के ख़िलाफ़? सुलह के बाद अयोध्या में राम मंदिर तो बन गया, लेकिन यह तय है कि मंदिर के भगवान राम लोकसभा चुनाव में तेरह के अवतार से खुश नहीं हैं. कोर्ट को आस्था के मामले में नहीं पड़ना चाहिए. यहां कानून का प्रावधान अप्रभावी हो जाता है.’

चीफ जस्टिस ने क्या कहा?

पिछले हफ्ते सीजेआई चंद्रचूड़ पुणे के खेड़ तालुक में अपने पैतृक गांव कन्हेरसर पहुंचे थे. जहां उन्होंने कहा, ‘हमारे पास हमेशा मामले (निर्णय के लिए) होते हैं, लेकिन हम किसी समझौते पर नहीं पहुंच पाते। ऐसा ही कुछ अयोध्या (राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) के दौरान हुआ था, जो तीन महीने तक मेरे सामने था। मैं भगवान के सामने बैठा और उनसे कहा कि इसका समाधान निकालना होगा. मुझ पर भरोसा रखें, अगर आपमें विश्वास है तो भगवान हमेशा रास्ता बनाएंगे।’

 

राम मंदिर का बहुचर्चित फैसला

नवंबर 2019 में दिए गए इस फैसले के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच का नेतृत्व तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई कर रहे थे. कोर्ट ने दशकों पुराने मामले का पटाक्षेप करते हुए राम मंदिर बनाने का फैसला सुनाया. फैसले में अयोध्या में वैकल्पिक पांच एकड़ भूखंड पर एक मस्जिद के निर्माण का भी निर्देश दिया गया।