सूरत: वृद्धाश्रम के बुजुर्गों ने अनाथ और दिव्यांग बच्चों के साथ गरबा खेलकर मनाई नवरात्रि

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सूरत के एक वृद्धाश्रम के बुजुर्गों ने अनाथ और विकलांग बच्चों के साथ गरबा खेलकर खुशियां बांटने की कोशिश की है. अब पवित्र नवरात्रि उत्सव जोर-शोर से चल रहा है।

वृद्धाश्रम के बुजुर्गों ने अनाथ और दिव्यांग बच्चों के साथ गरबा खेला

इस उत्सव में हेल्पिंग हैंड्स परिवार ने घरदा-दादा के साथ खुशियां बांटने की कोशिश की ताकि अनाथ, मानसिक रूप से कमजोर बच्चे, एचआईवी प्रभावित बच्चे, कैंसर पीड़ित बच्चे और विकलांग बच्चे वंचित न रह जाएं। अडाजण स्थित जीवन विकास ट्रस्ट हॉल में सप्तरंगी नवरात्र का आयोजन किया गया। जिसमें सभी ने ‘गलगोटो में चींची’ समेत गरबा की धुनों पर डांस किया।

हेल्पिंग हैंड्स परिवार का खुशियां बांटने का प्रयास

गरबा खिलाड़ियों ने समाज का अभिन्न अंग होने पर गर्व करते हुए स्वयं अलग-अलग लय में गरबा के स्टेप्स प्रस्तुत किए। इस दौरान सोनल सेठ मास्टर ने कहा कि यह आयोजन हमारी संस्था द्वारा किया गया है. जिसमें हमने वृद्धाश्रमों, अनाथों को इकट्ठा किया है और उनके साथ नवरात्रि मनाई है।’ करीब 300 लोगों ने मिलकर आद्यशक्ति अम्बे की आराधना का पर्व नवला नूरता बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया। इस उत्सव में शामिल होकर लोगों ने गरबा खेला और आनंद उठाया.

लगभग 700 डॉक्टर अपने परिवारों के साथ पंचमहल में घूमते रहे

डॉक्टर मरीज के दर्द को दूर करने की सेवा में होता है और इस सेवा में वह कभी-कभी त्योहार से अलग हो जाता है, लेकिन गरबा एक ऐसा त्योहार है। गुजराती इससे कभी दूर नहीं रह सकते, इसका प्रमाण यह है कि इस वर्ष नवरात्रि के दौरान गोधरा में एक दिवसीय गरबा का आयोजन किया गया था और यह कहा जा सकता है कि यह परिवार के साथ गरबा खेलने की एक अनूठी योजना थी। जिसमें गोधरा और उसके आसपास के सभी डॉक्टरों ने परिवार के साथ गरबा खेला। बता दें कि प्रदेश में अब हर तरफ नवरात्रि का रंग चढ़ा हुआ है और लोग दोस्तों और परिवार के साथ गरबा खेलकर देर रात तक आनंद उठा रहे हैं।