यूरोप में बसने का सपना होगा पूरा: खूबसूरत ऑस्ट्रिया भारतीयों को दे रहा है 'परमानेंट रेज़िडेंसी' का मौक़ा!
विदेश में बसने का सपना तो बहुतों का होता है, ख़ासकर जब बात ख़ूबसूरत यूरोप की हो। एक ऐसा देश जो न सिर्फ़ देखने में लाजवाब है, बल्कि जिसकी इकॉनमी भी शानदार है और जहाँ क्वालिटी ऑफ़ लाइफ़ बेमिसाल है - वो है ऑस्ट्रिया (Austria)। और अब, ये देश भारतीय प्रोफ़ेशनल्स और टैलेंटेड युवाओं के लिए अपने दरवाज़े खोल रहा है, उन्हें स्थायी निवासी (Permanent Residency - PR) बनने का मौक़ा दे रहा है!
ऑस्ट्रिया सरकार ने भारतीयों को सीधे परमानेंट रेज़िडेंसी नहीं दी, बल्कि 'रेड-वाइट-रेड कार्ड' (Red-White-Red Card) नाम की एक ख़ास स्कीम निकाली है। ये कार्ड असल में परमानेंट रेज़िडेंसी पाने का आपका पहला और सबसे मज़बूत क़दम है। तो चलिए, जानते हैं कि आप यूरोप के इस दिलकश देश में कैसे अपना नया घर बना सकते हैं।
तो कौन-से भारतीयों के लिए खुले हैं ऑस्ट्रिया के दरवाज़े?
ऑस्ट्रिया ने सबको नहीं बुलाया है, बल्कि उन लोगों के लिए ख़ास विंडो खोली है जिनकी उसे ज़रूरत है। ये कार्ड मुख्य रूप से इन लोगों को मिलता है:
- हाई-स्किल्ड वर्कर (Highly Skilled Workers): अगर आप IT, इंजीनियरिंग, या रिसर्च जैसे किसी ऐसे सेक्टर में माहिर हैं जहाँ ऑस्ट्रिया को टैलेंट की कमी है, तो आपके चांस बहुत अच्छे हैं।
- क्रिटिकल शॉर्टेज पेशों में (Shortage Occupations): ऐसे पेशें जहाँ ऑस्ट्रिया को तुरंत लोग चाहिए, जैसे डॉक्टर, ख़ास तरह के इंजीनियर्स, टेक एक्सपर्ट्स, आदि।
- स्टार्ट-अप फाउंडर (Start-up Founders): अगर आपके पास कोई अनोखा और तेज़ी से बढ़ने वाला बिज़नस आईडिया है जो ऑस्ट्रिया की अर्थव्यवस्था को मज़बूत कर सकता है।
- ऑस्ट्रिया के ग्रेजुएट्स (Graduates from Austrian Universities): जिन्होंने ऑस्ट्रिया से अपनी पढ़ाई पूरी की है।
'रेड-वाइट-रेड कार्ड' कैसे मिलता है? (यह है पूरा गणित)
यह कार्ड पॉइंट्स-आधारित सिस्टम (Points-based system) पर मिलता है। यानी आपके पास जितनी ज़्यादा अच्छी क्वालिटीज़ होंगी, उतने ज़्यादा पॉइंट्स आपको मिलेंगे, और आपके कार्ड मिलने के चांस बढ़ेंगे। मुख्य पॉइंट्स इन चीज़ों पर मिलते हैं:
- उम्र (Age): युवा आवेदकों को ज़्यादा पॉइंट्स मिलते हैं।
- पढ़ाई-लिखाई (Education): आपकी डिग्री, ख़ासकर मास्टर्स या PhD, आपको अच्छे पॉइंट्स दिलाएगी।
- काम का अनुभव (Work Experience): आपके काम का जितना ज़्यादा अनुभव होगा, उतना बेहतर होगा।
- भाषा का ज्ञान (Language Skills): अगर आपको जर्मन आती है, तो बहुत बड़ा फ़ायदा है। इंग्लिश तो ज़रूरी है ही।
- ज़्यादा कमाई (High Income): आपकी प्रस्तावित सैलरी जितनी ज़्यादा होगी, उतने ही ज़्यादा पॉइंट्स मिलेंगे।
अप्लाई कैसे करें? यह है सीधा रास्ता:
अप्लाई करने की प्रक्रिया सीधी है, लेकिन दस्तावेज़ों को लेकर कोई ग़लती नहीं होनी चाहिए:
- कहां करें आवेदन?: आपको भारत में मौजूद ऑस्ट्रियन दूतावास (Austrian Embassy in India) या कॉन्सुलेट में ही आवेदन करना होगा।
- किन दस्तावेज़ों की होगी ज़रूरत?:
- आपकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन के सबूत।
- आपके वर्क एक्सपीरियंस का प्रमाण।
- अगर आपको पहले से ऑस्ट्रिया में नौकरी मिल गई है (तो जॉब ऑफर)।
- यह साबित करना होगा कि आपके पास ऑस्ट्रिया में रहने और गुज़ारा करने के लिए पर्याप्त पैसा (Sufficient Funds) है।
- वैलिड सेहत बीमा (Health Insurance) होना ज़रूरी है।
- ऑस्ट्रिया में आपके रहने का इंतज़ाम (Accommodation Proof) (जैसे किराए का घर, आदि)।
PR तक का सफ़र: 'रेड-वाइट-रेड कार्ड प्लस'
जब आपको पहली बार रेड-वाइट-रेड कार्ड मिलता है, तो वह आमतौर पर 2 साल के लिए वैलिड होता है। इस दौरान आप ऑस्ट्रिया में रहते हुए काम करते हैं और देश के सिस्टम में ढलते हैं। इन दो सालों के बाद, अगर आप सारी शर्तों को पूरा करते हैं, तो आपको 'रेड-वाइट-रेड कार्ड प्लस' (Red-White-Red Card plus) मिलता है, जो 3 साल के लिए वैलिड होता है। इसी RWR+ कार्ड के ज़रिए आप ऑस्ट्रिया में परमानेंट रेज़िडेंसी पाने की राह पर आगे बढ़ते हैं।
यह उन भारतीयों के लिए एक बहुत बड़ा मौक़ा है जो सिर्फ़ अच्छी नौकरी नहीं, बल्कि यूरोप में एक ख़ुशहाल और स्थायी जीवन की तलाश में हैं। अगर आपके पास वो स्किल और जज़्बा है, तो ऑस्ट्रिया के दरवाज़े आपके इंतज़ार में खुले हैं!
--Advertisement--