दिल्ली-देहरादून का सपना अब और दूर! 2 घंटे के सफर के लिए करना होगा 2026 तक का इंतजार, जानिए क्यों हो रही है इतनी देरी

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जो लोग दिल्ली से देहरादून के बीच 6 घंटे के लंबे सफर से तंग आ चुके हैं और बहुप्रतीक्षित दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, उनके लिए एक बड़ी और थोड़ी निराश करने वाली खबर है. अब इस एक्सप्रेसवे पर फर्राटा भरने के लिए आपको थोड़ा और लंबा इंतजार करना पड़ेगा. पहले जहां इसे अक्टूबर 2025 में खोलने की बात कही जा रही थी, वहीं अब इसकी नई तारीख फरवरी 2026 तय की गई है.

तो आखिर क्यों हुई इतनी देरी?

इस देरी के पीछे कोई लापरवाही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का एक बड़ा और महत्वपूर्ण निर्देश है. PMO ने साफ कहा है कि एक्सप्रेसवे को टुकड़ों में नहीं खोला जाएगा. इसका उद्घाटन तभी किया जाएगा, जब इसके सभी चरण पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएं, ताकि यात्रियों को एक seamless (बाधारहित) अनुभव मिल सके.

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारियों ने देरी की एक और बड़ी वजह इस साल हुई मानसूनी बारिश को बताया है. भारी बारिश के कारण नदियों में आई बाढ़ ने सुरक्षा से जुड़े कई कामों को रोक दिया था. खासकर, देहरादून के पास दात काली मंदिर इलाके में ढलान की सुरक्षा, सुरंग की फिनिशिंग और मोबाइल टावर लगाने जैसे ज़रूरी काम अभी बाकी हैं, जिन्हें अब नवंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

जब खुलेगा, तो 6 घंटे का सफर सिर्फ 2 घंटे में होगा पूरा

इंतजार भले ही लंबा हो गया हो, लेकिन यह एक्सप्रेसवे सफर के अनुभव को पूरी तरह बदल देगा.

  • दूरी: 210 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली-देहरादून का सफर 6 घंटे से घटकर मात्र 2 घंटे का रह जाएगा.
  • लागत: इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर लगभग 11,868 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं.
  • रूट: यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होकर बागपत, बड़ौत, शामली और सहारनपुर होते हुए देहरादून तक जाएगा.

कहां तक पहुंचा है काम? (4 चरणों की प्रोग्रेस रिपोर्ट)

  1. पहला चरण (अक्षरधाम से बागपत): यह हिस्सा 6 महीने पहले ही बनकर तैयार हो चुका है.
  2. दूसरा चरण (बागपत से सहारनपुर): यह भी लगभग पूरा हो चुका है, बस फिनिशिंग का काम बाकी है.
  3. तीसरा चरण (सहारनपुर बाईपास): इस पुराने हिस्से को चौड़ा करने का काम काफी तेजी से चल रहा है.
  4. चौथा चरण (देहरादून): यही वो हिस्सा है जहां ऊंचे एलिवेटेड सेक्शन पर सुरक्षा और फिनिशिंग का काम अभी चल रहा है, जिस वजह से प्रोजेक्ट में देरी हो रही है.

इस एक्सप्रेसवे की खासियत, जो इसे बनाती है सबसे अलग

इस एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी और अनोखी बात है इसका 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर, जो राजाजी नेशनल पार्क के ऊपर से गुजरेगा.

  • यह एशिया का सबसे लंबा वाइल्डलाइफ एलिवेटेड कॉरिडोर होगा.
  • जंगली जानवरों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए 6 एनिमल अंडरपास भी बनाए जा रहे हैं.
  • इसके अलावा, इसमें 100 से ज्यादा अंडरपास, 5 रेलवे ओवरब्रिज और कई बड़े एक्सप्रेसवे से सीधी कनेक्टिविटी शामिल है.

तो, भले ही इंतजार थोड़ा बढ़ गया है, लेकिन जब यह एक्सप्रेसवे खुलेगा, तो यह न सिर्फ समय बचाएगा, बल्कि इंजीनियरिंग और पर्यावरण के बीच संतुलन का एक बेहतरीन नमूना भी पेश करेगा.

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