तीर्थयात्रा से पहले विश्व प्रसिद्ध गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब भारी बर्फबारी से ढक गया है। बर्फबारी के बाद गुरुद्वारा हेमकुंट साहिब की पहली तस्वीर सामने आई है. श्री हेमकुंट साहिब पहुंचकर सेना के जवानों ने बर्फबारी की स्थिति का जायजा लिया और सड़क का भी निरीक्षण किया. गुरुद्वारा साहिब करीब 12 से 15 फीट बर्फ से ढका हुआ है. गुरुद्वारे की पहली मंजिल पूरी तरह से बर्फ से ढकी हुई है और जलाशय भी बर्फ से ढका हुआ है।
गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब की वार्षिक तीर्थयात्रा 25 मई से शुरू होगी। इसलिए युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं. बर्फ हटाने का काम आमतौर पर भारतीय सेना द्वारा भी किया जाता है। श्री हेमकुंट साहिब की ओर जाने वाली सड़क से बर्फ हटाने का काम 20 अप्रैल से शुरू होगा। भारतीय सेना के जवान 20 अप्रैल को गुरुद्वारा गोबिंद घाट पर बर्फ काटकर संगत के लिए रास्ता तैयार करने के लिए पहुंचेंगे, जो 20 मई तक पूरा रास्ता तैयार कर देंगे।
बता दें कि गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने उत्तराखंड सरकार के सहयोग से इस वार्षिक यात्रा को इस बार 25 मई को शुरू करने का फैसला किया है. ट्रस्ट के प्रधान नरिंदरजीत सिंह बिंद्रा ने कहा कि गुरुद्वारा साहिब के कपाट 25 मई को खोले जाएंगे और 10 अक्टूबर को बंद कर दिए जाएंगे. जिसके लिए राज्य सरकार की ओर से सहमति दे दी गयी है.