सुप्रीम कोर्ट द्वारा सितंबर 2024 में प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों के समाधान के लिए गठित हाई लेवल कमेटी ने सोमवार को खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की। डल्लेवाल पिछले 42 दिनों से किसानों की मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर हैं। समिति ने उनकी बिगड़ती सेहत को देखते हुए उन्हें चिकित्सा सहायता लेने का अनुरोध किया।
समिति का नेतृत्व पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस (सेवानिवृत्त) नवाब सिंह कर रहे हैं। इसमें आईपीएस के पूर्व अधिकारी बी. एस. संधू, कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा, प्रोफेसर रंजीत सिंह घुमन, और कृषि अर्थशास्त्री डॉ. सुखपाल सिंह भी शामिल हैं।
स्वास्थ्य पर जोर, आंदोलन पर नहीं
जस्टिस नवाब सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “हमने डल्लेवाल से चिकित्सा सहायता लेने का कई बार अनुरोध किया है। हमारा उद्देश्य आंदोलन को समाप्त करने की बात कहना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि उनका स्वास्थ्य ठीक रहे।” उन्होंने यह भी कहा कि समिति किसान नेताओं के साथ संवाद बनाए रखने के लिए हमेशा उपलब्ध है।
किसानों की मांगें प्राथमिकता
डल्लेवाल ने समिति को स्पष्ट किया कि उनके लिए कृषि की मांगें सर्वोपरि हैं, और स्वास्थ्य उसके बाद आता है। समिति के सदस्यों ने उनके संकल्प की सराहना की और उन्हें स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह दी।
प्रदर्शन स्थल पर लंबे समय से डटे किसान
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरने पर हैं। यह प्रदर्शन तब शुरू हुआ था जब सुरक्षा बलों ने किसानों को दिल्ली कूच करने से रोक दिया था।
समिति ने दोपहर बाद खनौरी धरना स्थल पर पहुंचकर किसानों की मांगों और डल्लेवाल की स्थिति का जायजा लिया। किसानों के स्वास्थ्य और उनके आंदोलन को लेकर समिति का यह दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।