गंभीर आर्थिक संकट में फंसे राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को दो महीने का वेतन नहीं मिलेगा

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हिमाचल सरकार का बड़ा फैसला: आर्थिक संकट के बीच हिमाचल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत सभी मंत्रियों को दो महीने तक वेतन नहीं देने का फैसला लिया है. इसके साथ ही मुख्य संसदीय सचिव भी अगले दो महीने तक वेतन नहीं लेंगे. मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने राज्य की आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया है. 

राज्य को सालाना 2500-3000 करोड़ रुपये का नुकसान

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जून 2022 के बाद जीएसटी रिटर्न बंद होने से राज्य को राजस्व में भारी गिरावट का सामना करना पड़ रहा है. जिससे राज्य को सालाना 2500-3000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. पुरानी पेंशन योजना बहाल होने से राज्य की उधार लेने की क्षमता में भी लगभग 2,000 करोड़ रुपये की कमी आई है। विभिन्न चुनौतियों पर बात करते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि मौजूदा आर्थिक संकट से निकलना आसान नहीं होगा. 

अगले साल यह अनुदान 3,000 करोड़ रुपये कम होने की संभावना है

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ”हमें केंद्र सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है. साल 2023-24 में राजस्व घाटा अनुदान 8,058 करोड़ रुपये था. इस साल यह घटकर 6,258 करोड़ रुपये हो गया है. अगले वर्ष अनुदान में 3,000 करोड़ रुपये की कमी होने की संभावना है, जिससे यह घटकर मात्र 3,257 करोड़ रुपये रह जाएगा।’ 

केंद्र सरकार से अभी तक कोई फंड नहीं मिला: सीएम

सीएम सुक्खू ने हिमाचल में आपदा के बाद की जरूरतों के आकलन का भी जिक्र किया और कहा, “राज्य को इसके लिए 9,042 करोड़ रुपये की जरूरत है, लेकिन केंद्र सरकार से अभी तक कोई फंड नहीं मिला है।”