सरकारी वकीलों की पैरवी सुनिश्चित हो, प्रमुख विधि सचिव इसकी मॉनिटरिंग व मेंटरिंग के लिए मैकेनिज्म बनाएं : हाईकोर्ट

जयपुर, 13 मार्च (हि.स.)। राज्य सरकार से जुड़े मामलों में सरकारी वकीलों के पैरवी नहीं करने पर हाईकाेर्ट ने प्रमुख विधि सचिव को कहा है कि वे दो सप्ताह में हलफनामा पेश कर बताएं कि इसकी मॉनिटरिंग व मेंटरिंग के लिए क्या मैकेनिज्म हो। वहीं अदालतों में सरकारी वकीलों की पैरवी करना भी सुनिश्चित किया जाए और इससे कोर्ट को अवगत कराया जाए। यदि जरूरत हुई तो कोर्ट यह भी देखेगा कि पैरवी के लिए सक्षम व्यक्ति नियुक्त हुए हैं या नहीं क्योंकि आखिर यह जनता का पैसा है।

जस्टिस अशोक कुमार जैन ने यह टिप्पणी बुधवार को पूर्व राजपरिवार की संपत्तियों पर कब्जे विवाद मामले में राज्य सरकार की रिवीजन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए की। सुनवाई के दौरान आदेश के पालन में सीएस सुधांशु पंत वीसी के जरिए उपस्थित हुए। वहीं एएजी भरत व्यास ने कहा कि यह मामला डिप्टी सीएम से जुड़ा हुआ है और ऐसे में राज्य सरकार के हित भी संरक्षित रखे जाएंगे। आगे ऐसी स्थिति नहीं आए कि सरकारी वकील पैरवी से अनुपस्थित रहें इसके लिए मैकेनिज्म तैयार किया जा रहा है। वहीं सीएस ने कहा कि एजी व प्रमुख विधि सचिव से चर्चा कर जल्द ही पैरवी सुनिश्चित करने के लिए मैकेनिज्म तैयार कर देंगे, केस से जुड़े ओआईसी भी कोर्ट में मौजूद रहेंगे। जिस पर अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश देते हुए सुनवाई 5 अप्रैल को तय की। दरअसल प्रदेश की राजधानी स्थित पुरानी विधानसभा के भवन टाउन हॉल, पुराना पुलिस मुख्यालय व जलेब चौक की संपत्तियों के मामले में राज्य सरकार ने रिवीजन याचिकाओं में पूर्व राजपरिवार के सिविल दावे को चुनौती दी है।

जयपुर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य पद्मिनी देवी, दिया कुमारी व अन्य ने इन संपत्तियों का कब्जा दिलाने के लिए एडीजे कोर्ट में सिविल दावा किया था। जिस पर राज्य सरकार ने एडीजे कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर कहा था कि कोवेनेंट से संबंधित मामलों में सिविल दावे पर संविधान के अनुसार कोई भी कोर्ट सुनवाई नहीं कर सकती। लेकिन एडीजे कोर्ट ने राज्य सरकार का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया था और इसे उसने रिवीजन याचिकाओं के जरिए हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मामले की पिछली सुनवाई पर राज्य सरकार की ओर से किसी के पैरवी नहीं करने पर अदालत ने सीएस को वीसी के जरिए हाजिर होकर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा था।