पर्यटकों और श्रद्धालुओं की पहली पसंद बन चुकी राम की नगरी अयोध्या नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। वार्षिक आय के मामले में राम मंदिर देश का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर बन गया है।
रामलला के मंदिर के उद्घाटन के बाद अब तक 13 करोड़ से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक अयोध्या पहुंच चुके हैं। मंदिर की वार्षिक आय 700 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। वार्षिक आय के मामले में राम मंदिर ने स्वर्ण मंदिर, वैष्णो देवी और शिरडी साईं मंदिर को पीछे धकेल दिया है। अयोध्या उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। वर्तमान में अयोध्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या दो से पांच लाख के बीच है, जिसके लिए दर्शन और आवास व्यवस्था को सभी के लिए सुलभ बनाना एक बड़ी चुनौती बन गई है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण, राम मंदिर अब धार्मिक दान प्राप्त करने वाले भारत के शीर्ष 10 महत्वपूर्ण मंदिरों की सूची में तीसरे स्थान पर आ गया है। बड़ी संख्या में भक्त राम मंदिर के लिए धन दान करते हैं। इसके अलावा वे सोना और चांदी भी चढ़ाते हैं। उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड आर्थिक एसोसिएशन के महासचिव प्रो. विनोद श्रीवास्तव ने कहा कि एक अध्ययन और अनुमान के अनुसार, 2024-25 में आंध्र प्रदेश के तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर की वार्षिक दान राशि लगभग 1,500 से 1,650 करोड़ रुपये थी, इसके बाद केरल के तिरुवनंतपुरम में श्री पद्मनाभम स्वामी मंदिर का स्थान है, जिसकी वार्षिक दान राशि लगभग 750 से 850 करोड़ रुपये है।
एक ही महीने में 15 करोड़ रुपए का दान प्राप्त हुआ
रामनगरी अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा दान का रिकॉर्ड भी टूट रहा है। महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी में स्नान के बाद श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं। मकर संक्रांति के बाद से हर दिन चार लाख श्रद्धालु राम मंदिर में दर्शन और पूजा कर रहे हैं। मंदिर ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि 10 दान काउंटरों पर प्रतिदिन 10 लाख रुपये से अधिक का दान प्राप्त हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार महाकुंभ के एक माह में 15 करोड़ से अधिक दान एकत्रित हो चुका है। इसमें रामलला के सामने रखे गए छह दानपात्रों में दिया गया दान भी शामिल है।