डोनाल्ड ट्रंप की धमकी से पनामा और अमेरिका के बीच बढ़ा तनाव: पनामा नहर को लेकर विवाद गहराया

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अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मच गई है। ट्रंप ने पनामा को धमकी देते हुए कहा कि यदि पनामा नहर पर अत्यधिक टैक्स लगाना बंद नहीं किया गया, तो अमेरिका एक बार फिर से इस नहर पर नियंत्रण हासिल करेगा। ट्रंप के इस बयान ने पनामा समेत कई देशों को चिंतित कर दिया है।

पनामा का जवाब: संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं

पनामा के राष्ट्रपति लॉरेंटिनो कॉर्टिज़ो ने ट्रंप की धमकी पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “पनामा नहर और इसका हर हिस्सा पनामा की संपत्ति है। हमारे देश की संप्रभुता और स्वतंत्रता पर कोई समझौता नहीं होगा।”

ट्रंप के बयान और उनके आरोप

ट्रंप ने कहा कि पनामा नहर पर टैक्स की दरें बढ़ा दी गई हैं, जिससे अमेरिकी कार्गो शिपिंग को नुकसान हो रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पनामा, चीन के प्रभाव में आ गया है और यह नहर “गलत हाथों” में चली गई है। ट्रंप ने कहा, “अगर पनामा इस नहर को सही तरीके से संचालित नहीं कर सकता, तो हमें इसे फिर से अपने नियंत्रण में लेना होगा।”

पनामा नहर का ऐतिहासिक महत्व

  • नहर का निर्माण और अमेरिका का नियंत्रण:
    पनामा नहर, अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाली 82 किलोमीटर लंबी जलमार्ग है। इसका निर्माण 1904 में अमेरिका ने शुरू किया और 1914 में इसे सार्वजनिक रूप से खोल दिया गया। शुरुआत से ही इस नहर का पूरा नियंत्रण अमेरिका के पास था।
  • संप्रभुता की ओर कदम:
    1977 में अमेरिका और पनामा के बीच हुए समझौते के बाद पनामा को नहर के संचालन में कुछ अधिकार दिए गए। 1999 में यह पूरी तरह से पनामा के नियंत्रण में आ गई।
  • पनामा की आय का मुख्य स्रोत:
    यह नहर पनामा की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा स्रोत है, जो हर साल लगभग 1 अरब डॉलर का राजस्व देती है।

चीन का बढ़ता प्रभाव और अमेरिका की चिंता

पनामा नहर वैश्विक व्यापार में अहम भूमिका निभाती है, खासकर अमेरिका और चीन के बीच व्यापार के लिए।

  • चीन की बढ़ती दखलअंदाजी:
    2017 में पनामा ने ताइवान से अपने संबंध समाप्त कर चीन के साथ रिश्ते मजबूत किए। इसके बाद से चीन ने पनामा में बड़े पैमाने पर निवेश किया है।
  • अमेरिका की असहजता:
    ट्रंप का कहना है कि पनामा नहर चीन के नियंत्रण में नहीं होनी चाहिए। उन्होंने पनामा पर दबाव डालते हुए इसे अमेरिकी हितों के लिए महत्वपूर्ण बताया।पनामा की स्थिति स्पष्ट

पनामा के राष्ट्रपति ने चीन के प्रभाव के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “पनामा नहर पर चीन का कोई नियंत्रण नहीं है। यह पूरी तरह से पनामा की संपत्ति है, और इसके संचालन पर हमारी पूरी जिम्मेदारी है।”

नहर के महत्व पर क्यों हो रहा है विवाद?

  1. वैश्विक व्यापार का केंद्र:
    पनामा नहर अमेरिकी पूर्वी तट को एशिया और विशेष रूप से चीन के साथ जोड़ती है।
  2. टैक्स विवाद:
    नहर के बढ़ते टैक्स दरों से अमेरिका की शिपिंग लागत बढ़ रही है, जिससे अमेरिकी व्यापार पर दबाव पड़ रहा है।
  3. चीन-अमेरिका प्रतिस्पर्धा:
    पनामा में चीन के बढ़ते निवेश से अमेरिका चिंतित है, जिसे वह अपने रणनीतिक हितों के लिए खतरा मानता है।

अमेरिका-पनामा तनाव के परिणाम

ट्रंप की धमकी ने अमेरिका और पनामा के बीच पुराने तनावों को फिर से उजागर कर दिया है।

  • पनामा नहर के संचालन और राजस्व पर विवाद अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित कर सकता है।
  • चीन और अमेरिका के बीच भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के चलते यह मुद्दा और अधिक संवेदनशील हो गया है।