महागठबंधन के पोस्टर पर तेजस्वी की इकलौती तस्वीर से बढ़ा सियासी बवाल, भाजपा-जेडीयू का हमला
News India Live, Digital Desk: बिहार की सियासत में इन दिनों पोस्टरबाजी को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है. मामला जुड़ा है महागठबंधन से, जहां लोकसभा चुनाव के बीच लगे पोस्टरों में सिर्फ और सिर्फ तेजस्वी यादव की तस्वीर नजर आ रही है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के इन पोस्टरों में बाकी बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी ने बिहार की राजनीति में सरगर्मियां तेज कर दी हैं, और इसी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साधा है.
हाल ही में महागठबंधन के प्रचार अभियान में तेजस्वी यादव ही हर जगह अकेले दिख रहे हैं. चाहें वो चुनावी जनसभाएं हों या फिर लगे हुए होर्डिंग और पोस्टर, सिर्फ तेजस्वी यादव का चेहरा ही लोगों को दिख रहा है. इससे ऐसा लग रहा है मानो राजद ने जानबूझकर अन्य नेताओं, यहां तक कि लालू यादव और राबड़ी देवी को भी, इन पोस्टरों से दूर रखा है. माना जा रहा है कि पार्टी चाहती है कि तेजस्वी को भविष्य के सबसे बड़े नेता के तौर पर पेश किया जाए, जिनकी छवि युवा और विकास केंद्रित हो.
भाजपा और जेडीयू ने इस बात पर खूब तंज कसे हैं. भाजपा प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता कह रहे हैं कि "राजद में अब सिर्फ एक परिवार और एक चेहरे की ही पूजा होती है." जेडीयू के नेताओं का कहना है कि यह "अहंकार और वंशवाद की राजनीति का प्रतीक है". विपक्ष का आरोप है कि महागठबंधन में 'सब कुछ तेजस्वी के इर्द-गिर्द' ही घूम रहा है और यह सहयोगी दलों का अपमान है. वहीं, राजद के समर्थक कह रहे हैं कि तेजस्वी ही उनके सबसे युवा और गतिशील चेहरा हैं, और लोग उन्हें पसंद कर रहे हैं. यह सिर्फ चुनाव प्रचार की रणनीति है.
अब देखना यह होगा कि इस 'एकल चेहरा' अभियान का चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ता है. लेकिन इतना तय है कि इस पोस्टर वॉर ने बिहार की चुनावी तपिश को और बढ़ा दिया है.
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