Tejashwi Yadav's big Allegation: वोटर लिस्ट में बड़ा खेल यादव बहुल इलाकों से नाम हटाए गए
News India Live, Digital Desk: Tejashwi Yadav's big Allegation: बिहार की राजनीति में लोकसभा चुनावों से पहले एक नया और गंभीर विवाद खड़ा हो गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग और बिहार की मौजूदा सरकार पर वोटर लिस्ट में हेरफेर करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि राज्य में यादव बहुल आबादी वाले क्षेत्रों से बड़ी संख्या में यादव समुदाय के मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं, जबकि कोई अन्य क्षेत्र प्रभावित नहीं हुआ है।
तेजस्वी यादव का कहना है कि यह एक सोची-समझी राजनीतिक साजिश है, जिसका मकसद उनके एम-वाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण वाले वोट बैंक को कमज़ोर करना है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस काम में सरकारी तंत्र का खुलकर दुरुपयोग किया जा रहा है और प्रशासन भी अपनी मनमानी कर रहा है। उनके अनुसार, यह दलितों, वंचितों और गरीब तबके के लोगों को मताधिकार से वंचित करने की कोशिश है, और मतदाताओं को बेवजह लंबी दूरी तय करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिससे उन्हें अपने नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाने में भी परेशानी आ रही है।
आरजेडी नेता ने राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के संदर्भ में भी इस मुद्दे को उठाया, जिसका उद्देश्य सामाजिक न्याय और समानता का संदेश देना है। तेजस्वी ने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले विधानसभा चुनावों के दौरान भी इसी तरह के आरोप लगे थे, जब जानबूझकर कुछ विशेष जातियों के मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए थे। उनका मानना है कि इस बार भी लोकसभा चुनावों से पहले ऐसा ही कुछ किया जा रहा है।
तेजस्वी यादव ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए यह भी कहा कि इस तरह के कार्यों से राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठता है। उन्होंने निर्वाचन आयोग से इस पूरे मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और गहन जांच कराने की अपील की है। उनका स्पष्ट संदेश है कि कटे हुए सभी नाम वापस वोटर लिस्ट में जोड़े जाने चाहिए ताकि हर पात्र नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके। यह मुद्दा आने वाले समय में बिहार की राजनीति में और गरमा सकता है, खासकर लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र।
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