कर संग्रह में प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग किया जाना चाहिए: राष्ट्रपति

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नई दिल्ली, 2 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि इस नए और गतिशील युग में कर संग्रह में कम हस्तक्षेप और प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग करने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर प्रशासन के क्षेत्र में नए विचार और नए समाधान लाने की जिम्मेदारी युवा अधिकारियों पर है।

भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के प्रशिक्षु अधिकारियों ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) हमारी अर्थव्यवस्था को एक समान कर व्यवस्था तथा साझा प्रशासनिक मूल्यों के माध्यम से जोड़ती है। यह सेवा देश के कर प्रशासन में समानता को बढ़ावा देती है। आईआरएस अधिकारी भारत सरकार, व्यापार और विभिन्न राज्यों के कर प्रशासनों के बीच एक बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया भर में बदलते सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में राष्ट्रीय हित का एजेंडा काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग से तय होता है। आईआरएस अधिकारी देश की आर्थिक सीमाओं के संरक्षक हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उन्हें हमेशा ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से काम करना होगा। दूसरे देशों के साथ व्यापार सुविधा समझौतों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) देश को आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण, सामाजिक-आर्थिक योजनाओं के संचालन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने आदि के लिए संसाधनों का उपयोग करने में सक्षम बनाती है। यह राष्ट्र निर्माण में आईआरएस अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रशासक के रूप में अपनी भूमिका को निभाने के लिए आपको ऐसी प्रणालियां और प्रक्रियाएं विकसित करने की आवश्यकता है जो पारदर्शी हों और जवाबदेही सुनिश्चित करें।

राष्ट्रपति ने अधिकारियों को सलाह दी कि वे याद रखें कि कराधान केवल देश के राजस्व को बढ़ाने का साधन नहीं है। यह सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। देश के नागरिकों द्वारा दिया गया कर देश और लोगों के विकास के लिए उपयोग किया जाता है। इसलिए, यदि वे अपना काम लगन और निष्ठा से करेंगे, तो वे देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान दे पाएंगे।