Technology News : भारतीय फ़ोन नंबर '+91' से क्यों शुरू होते हैं? जानें इस रहस्यमयी कोड के पीछे का असली और चौंकाने वाला कारण
News India Live, Digital Desk: क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप भारत में किसी को फोन लगाते हैं, या कोई विदेश से आपको फोन करता है, तो नंबर के आगे '+91' क्यों लगा होता है? या आपने कई बार देखा होगा कि अंतरराष्ट्रीय कॉल आने पर '+1', '+44' जैसे कोड लगे होते हैं. ये केवल यादृच्छिक अंक नहीं हैं, बल्कि इनके पीछे एक व्यवस्थित प्रक्रिया और अंतर्राष्ट्रीय नियम छुपे हुए हैं. आइए जानते हैं भारतीय फ़ोन नंबरों के 91 से शुरू होने के पीछे की असली वजह क्या है.
असल में, '91' भारत का कंट्री कोड (Country Code) है. इसे इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (International Telecommunication Union - ITU) द्वारा बनाया गया एक यूनिवर्सल नंबरिंग सिस्टम दिया गया है. ये कंट्री कोड सुनिश्चित करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय कॉल सही देश और सही नेटवर्क तक पहुंचे.
इसके पीछे की असली वजह को ऐसे समझें:
- अंतर्राष्ट्रीय संचार का मानकीकरण (Standardization of International Communication): दुनिया भर में फ़ोन संचार को आसान बनाने के लिए, ITU ने सभी देशों को विशिष्ट कोड दिए हैं. ये कोड अंतरराष्ट्रीय डायलिंग पैटर्न का हिस्सा हैं. जब आप किसी विदेशी नंबर को डायल करते हैं, तो पहले आपको अंतर्राष्ट्रीय एक्सेस कोड (जो अक्सर '00' या '+' होता है), फिर कंट्री कोड और उसके बाद उस देश का राष्ट्रीय फ़ोन नंबर डायल करना होता है.
- जोन सिस्टम (Zone System): ITU ने देशों को भौगोलिक और तकनीकी आधार पर विभिन्न 'जोन' या 'ब्लॉक' में बांटा है. इन जोन्स के तहत आने वाले देशों को उनके शुरुआत के अंकों के हिसाब से कोड मिलते हैं.
- भारत जोन 9 में आता है: जोन 9 एशिया के उन देशों को कवर करता है, जो मध्य पूर्व से लेकर दक्षिण और पूर्वी एशिया तक फैले हुए हैं. इसी जोन के तहत भारत को '91' कोड आवंटित किया गया है. उदाहरण के लिए, पाकिस्तान का कोड '92' है, श्रीलंका का '94' और अफगानिस्तान का '93' है - ये सभी '9' जोन के तहत आते हैं.
- डायलिंग पैटर्न और स्विचिंग (Dialing Pattern and Switching): जब आप अंतरराष्ट्रीय कॉल डायल करते हैं, तो ये कंट्री कोड दूरसंचार स्विच (Telecommunication Switches) को बताते हैं कि कॉल को किस देश के नेटवर्क की ओर रूट करना है. '91' देखकर टेलीकॉम नेटवर्क तुरंत समझ जाता है कि यह कॉल भारत के किसी नेटवर्क को जोड़ना चाहती है. इसके बाद, कॉल भारतीय टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर में प्रवेश करती है, और फिर भारतीय राष्ट्रीय नंबर के आधार पर स्थानीय एक्सचेंज तक पहुंचाई जाती है.
- पहचान और अद्वितीयता (Identification and Uniqueness): कंट्री कोड प्रत्येक देश को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार प्रणाली में एक अद्वितीय पहचान देते हैं. दुनिया में किसी अन्य देश का कंट्री कोड '91' नहीं है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि भारतीय नंबर हमेशा स्पष्ट रूप से पहचाने जाएं.
इसलिए, अगली बार जब आप '+91' देखें, तो समझ लें कि यह सिर्फ दो अंक नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो वैश्विक स्तर पर फोन कॉल्स को जोड़ने में मदद करता है. यह ITU द्वारा बनाया गया एक सुनियोजित सिस्टम है जो हमें दुनिया भर के लोगों से आसानी से जुड़ने में मदद करता है.
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