टीम इंडिया को आई श्रेयस अय्यर की याद, फील्डिंग कोच ने कही बड़ी बात

भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया. पहला मैच हारने के बाद घरेलू टीम ने बाकी चार टेस्ट मैचों में मेहमान टीम को वापसी का ज़रा भी मौका नहीं दिया. जिसके चलते भारत ने टेस्ट सीरीज 4-1 से जीत ली है. सीरीज खत्म होने के बाद भारतीय टीम के फील्डिंग कोच टी दिलीप ने श्रेयस अय्यर को याद किया. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो मैचों में अय्यर के शानदार प्रदर्शन की सराहना की. आपको बता दें कि विशाखापत्तनम टेस्ट के बाद खराब प्रदर्शन के कारण श्रेयस अय्यर को टीम से बाहर कर दिया गया था. अय्यर फिलहाल रणजी ट्रॉफी 2024 में मुंबई के लिए फाइनल मैच खेल रहे हैं।

श्रेयस अय्यर को क्यों याद किया गया?

टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ शानदार फील्डिंग की. इस सीरीज में भारतीय टीम ने कई असंभव कैच और रन आउट किए। जिसके बाद टीम इंडिया के फील्डिंग कोच टी दिलीप ने खिलाड़ियों को उनकी शानदार फील्डिंग के लिए मेडल दिए, लेकिन मेडल देने से पहले टी दिलीप ने कहा कि श्रेयस अय्यर अब टीम के साथ नहीं हैं, लेकिन पहले दो मैचों में उनकी फील्डिंग शानदार थी. उन्होंने फील्डिंग के दौरान कई शानदार कैच लपके. इसके साथ ही उन्होंने फील्डिंग करते हुए कई शानदार रन आउट भी किए. मैच में उनकी फील्डिंग ने काफी प्रभाव छोड़ा.

 

इन खिलाड़ियों को मिले मेडल

श्रेयस अय्यर के बाद फील्डिंग कोच टी दिलीप ने चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव के लिए कहा कि उन्होंने फील्डिंग के दौरान काफी अच्छा प्रदर्शन किया. कोच ने कहा कि मैच के दौरान कुलदीप यादव फाइन लेग से आए और अपनी रणनीति बताई. इससे भारतीय टीम को फील्डिंग के दौरान काफी फायदा मिला. दूसरा पदक कप्तान रोहित शर्मा और युवा बल्लेबाज शुबमन गिल को दिया गया। यह पहली बार है कि तीन खिलाड़ियों को उत्कृष्ट क्षेत्ररक्षण के लिए पदक से सम्मानित किया गया है।

पदक देने की शुरुआत कब हुई?

वनडे वर्ल्ड कप 2023 के दौरान फील्डिंग कोच टी दिलीप ने मेडल देने की शुरुआत की. यह मेडल मैच में बेहतरीन फील्डिंग करने वाले खिलाड़ी को दिया जाता है. इसे हासिल करने के लिए सभी फील्डर मैदान पर कड़ी मेहनत करते हैं. शानदार फील्डिंग के लिए मेडल देने का विचार भी टी दिलीप का ही था. दरअसल, एक समय की बात है जब टी दिलीप स्कूल टीचर के पद पर कार्यरत थे. उस समय वे स्कूल में गणित पढ़ाते थे। जिसके बाद उन्हें ये आइडिया आया. टी दिलीप के फील्डिंग कोच बनने के बाद भारतीय टीम की फील्डिंग में काफी सुधार हुआ है.