फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की जांच प्रक्रिया के बीच, अब निगरानी ब्यूरो की रिपोर्ट ही नियुक्ति पत्र जारी करने का आधार बनेगी। जांच के दायरे में आने वाले शिक्षकों को पहले विशिष्ट शिक्षक के रूप में नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगाई गई थी। हाल ही में निगरानी ब्यूरो ने कई शिक्षकों को क्लीन चिट देते हुए उनकी रिपोर्ट संबंधित विभाग को सौंप दी है।
जिलाधिकारियों को समन्वय स्थापित करने का निर्देश
प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को निर्देश दिया है कि वे निगरानी ब्यूरो से समन्वय स्थापित करें और क्लीन चिट पाने वाले शिक्षकों की सूची प्राप्त करें।
- मुजफ्फरपुर:
- जिले में 400 से अधिक शिक्षकों के फर्जी सर्टिफिकेट मामलों की जांच जारी है।
- राज्यभर में:
- कुल मामलों की संख्या 5,000 से अधिक है।
निगरानी ब्यूरो की कार्रवाई
- निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्त शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
- जांच के आधार पर नियुक्ति पत्रों को रोकने के आदेश दिए गए थे।
- अब क्लीन चिट मिलने वाले शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने का रास्ता साफ हो गया है।
हाईकोर्ट के आदेश पर क्लीन चिट
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने जानकारी दी कि:
- निगरानी एसपी, पटना ने रिपोर्ट दी है कि कई शिक्षकों के प्रमाण पत्र और प्राथमिकी बिंदुओं की पुन: जांच के बाद अंतिम प्रतिवेदन समर्पित किया गया।
- हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों को दोषमुक्त घोषित किया है।
- निगरानी एसपी ने डीईओ और डीपीएम (स्थापना) को निगरानी कार्यालय से समन्वय स्थापित कर जांच के संदर्भ में अपडेट लेने को कहा है।
आगे की प्रक्रिया
- जिला शिक्षा अधिकारियों की जिम्मेदारी:
- संबंधित जिलों में निगरानी ब्यूरो के साथ संपर्क स्थापित कर क्लीन चिट प्राप्त शिक्षकों की सूची लेना।
- इन शिक्षकों को सक्षमता के आधार पर नियुक्ति पत्र वितरण की प्रक्रिया शुरू करना।
- निगरानी ब्यूरो:
- जांच प्रक्रिया पूरी कर दोषमुक्त शिक्षकों की जानकारी संबंधित विभाग को समय पर उपलब्ध कराना।