टी-बैग वाली चाय सेहत के लिए खतरनाक, नई स्टडी में हुआ खुलासा

27 12 2024 Tea Bag Study 2385647

नई दिल्ली: चाय के बिना दिन की शुरुआत अधूरी लगती है, खासकर सर्दियों में। गर्मागर्म चाय सर्दी के मौसम में एक अलग ही आनंद देती है। ऑफिस और होटलों में टी-बैग चाय का चलन बढ़ता जा रहा है, क्योंकि यह आसान और समय बचाने वाला विकल्प है। लेकिन हाल ही में आई एक नई स्टडी ने टी-बैग से बनी चाय के सेवन को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

क्या कहती है ताजा स्टडी?

स्पेन की ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी ऑफ बार्सिलोना द्वारा किए गए अध्ययन, जिसे केमोस्फीयर नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है, में यह खुलासा हुआ है कि टी-बैग चाय पीने से सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है।

  • टी-बैग्स में उपयोग होने वाले पॉलिमर बेस्ड मटेरियल (नायलॉन-6, पॉलीप्रोपाइलीन और सेलूलोज) गर्म पानी के संपर्क में आने पर माइक्रोप्लास्टिक्स और नैनोप्लास्टिक्स (MNPs) छोड़ते हैं।
  • ये माइक्रोप्लास्टिक्स हमारे खून में प्रवेश कर सकते हैं और आंतों की कोशिकाओं (गट सेल्स) द्वारा अवशोषित हो सकते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

प्लास्टिक पार्टिकल्स के डरावने आंकड़े

  • वैज्ञानिकों ने पाया कि पॉलीप्रोपाइलीन आधारित टी-बैग्स गर्म पानी में 1.2 बिलियन प्लास्टिक पार्टिकल्स छोड़ सकते हैं।
  • सेलूलोज आधारित टी-बैग्स से 135 मिलियन पार्टिकल्स निकलते हैं।
  • नायलॉन-6 वाले टी-बैग्स 8.18 मिलियन प्लास्टिक पार्टिकल्स छोड़ते हैं।
  • ये प्लास्टिक के सूक्ष्म कण आंतों की कोशिकाओं में अवशोषित हो जाते हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकते हैं।

माइक्रोप्लास्टिक्स क्या हैं और क्यों हैं खतरनाक?

माइक्रोप्लास्टिक्स प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं, जो विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न होते हैं:

  1. पर्यावरणीय खतरा:
    • ये समुद्र और अन्य जलस्रोतों में मिलकर जलीय जीवन के लिए गंभीर खतरा बन जाते हैं।
  2. स्वास्थ्य पर प्रभाव:
    • माइक्रोप्लास्टिक्स शरीर के विभिन्न अंगों जैसे ब्रेन, लिवर और किडनी में जमा हो सकते हैं।
    • इनके कारण अंगों को नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है।

क्या करें सुरक्षित रहने के लिए?

  • टी-बैग्स की जगह loose tea (खुली चाय) का इस्तेमाल करें।
  • स्टील या मेटल स्ट्रेनर का उपयोग करें।
  • चाय बनाते समय प्लास्टिक सामग्री से बचें।