टीडीएस कटौती फॉर्म: वेतन से टीडीएस काटने के लिए नया आयकर फॉर्म लॉन्च किया गया – विवरण

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New Form to Reduce TDS from Salary: देश के लाखों वेतनभोगी कर्मचारी अब अपने वेतन से टीडीएस (Tax Deducted At Source – TDS) की कटौती को कम कर सकते हैं. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने खुद यह उपाय किया है. CBDT ने इसके लिए नया फॉर्म 12BAA जारी किया है. अगर कर्मचारी अपने वेतन से कटने वाले टीडीएस की राशि को कम करना चाहते हैं तो उन्हें यह फॉर्म भरकर अपने नियोक्ता को देना होगा, जिसमें उनके वेतन के अलावा अन्य स्रोतों से काटे गए टीडीएस और टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) की जानकारी देनी होगी. इसका मुख्य उद्देश्य वेतन से टीडीएस कटौती को कम करना है, ताकि कर्मचारी अधिक बचत कर सकें और उनकी नकदी प्रवाह की समस्या कम हो सके.

फॉर्म 12BAA से आपको क्या लाभ होगा?

  • इस फॉर्म के माध्यम से कर्मचारी अपने नियोक्ता को सूचित कर सकते हैं कि उनके वेतन के अलावा, आय के अन्य स्रोतों, जैसे सावधि जमा (एफडी), बीमा कमीशन या शेयर लाभांश से टीडीएस के रूप में कर काटा गया है।
  • यदि कर्मचारी ने कार जैसी कोई बड़ी खरीदारी की है, या विदेशी मुद्रा में भुगतान किया है और उस पर टीसीएस काटा गया है, तो उसे भी इस फॉर्म में दर्ज किया जा सकता है।
  • फॉर्म 12BAA में यह जानकारी भरकर नियोक्ता के साथ साझा करने से वेतन से टीडीएस कटौती कम हो सकती है। इससे कर्मचारियों की आय बढ़ेगी और उन्हें खर्च करने या बचत करने के लिए अधिक पैसे मिलेंगे।

फॉर्म 12BAA में क्या जानकारी देनी होगी?

फॉर्म 12BAA में कर्मचारियों को अपनी किसी अन्य आय या व्यय से टीडीएस और टीसीएस कटौती से संबंधित ये महत्वपूर्ण जानकारी देनी होगी:

टीडीएस के लिए दी जाने वाली जानकारी:

  • वह धारा जिसके अंतर्गत टीडीएस काटा गया
  • टीडीएस काटने वाले व्यक्ति का नाम और पता
  • टीडीएस काटने वाले व्यक्ति का टैन नंबर
  • टीडीएस के अंतर्गत कटौती की गई कर राशि
  • आय की कुल राशि जिस पर टीडीएस काटा गया है
  • कोई अन्य आवश्यक जानकारी

टीसीएस के लिए दी जाने वाली जानकारी:

  • वह धारा जिसके अंतर्गत टीसीएस एकत्र किया गया
  • टीसीएस एकत्र करने वाले व्यक्ति का नाम और पता
  • टीसीएस एकत्र करने वाले व्यक्ति का टैन नंबर
  • कुल कटौती की गई टी.सी.एस. राशि
  • कोई अन्य आवश्यक जानकारी

इन बातों के अलावा इस फॉर्म में हाउस प्रॉपर्टी को हुए नुकसान की जानकारी देने के लिए भी जगह दी गई है। यानी अगर कर्मचारी को हाउस प्रॉपर्टी से कोई नुकसान हुआ है तो उसे भी इस फॉर्म में दर्ज किया जा सकता है। सारी जानकारी देने के बाद कर्मचारी को उसे सत्यापित करके उस पर हस्ताक्षर करने होंगे और फिर उसे अपने नियोक्ता के पास जमा करना होगा।

नये फॉर्म का लाभ कौन उठा सकता है?

CBDT द्वारा जारी इस नए फॉर्म 12BAA का लाभ ऐसे कर्मचारी उठा सकते हैं, जिनकी आय के अन्य स्रोतों से या बड़े खर्चों से TDS या TCS की कटौती हुई है। उदाहरण के लिए, फिक्स्ड डिपॉजिट, शेयर से आय पर TDS या किसी बड़ी खरीद पर TCS कटौती। अगर ऐसे कर्मचारी चाहते हैं कि उनके वेतन से कम TDS काटा जाए और उनकी टेक-होम सैलरी ज़्यादा हो, तो वे इस नए फॉर्म का लाभ उठा सकते हैं। अगर किसी कर्मचारी को हाउस प्रॉपर्टी से नुकसान हुआ है, तो वह अपने नियोक्ता को यह भी बता सकता है ताकि उसकी टैक्स देनदारी कम हो सके।

नए नियमों के अनुसार वेतन से टीडीएस कैसे काटा जाएगा?

नए नियमों के अनुसार, कर्मचारी फॉर्म 12BAA के ज़रिए अपने नियोक्ता को अन्य स्रोतों से टीडीएस और टीसीएस कटौती के बारे में सूचित कर सकते हैं। इससे नियोक्ता वेतन से काटे गए टीडीएस में समायोजन कर सकता है। यह नियम 1 अक्टूबर 2024 से लागू हो गया है।

फॉर्म 12BAA: यह फॉर्म 12BB से किस प्रकार भिन्न है?

फॉर्म 12BAA और फॉर्म 12BB दोनों ही टैक्स डिक्लेरेशन फॉर्म हैं, लेकिन फॉर्म 12BAA में कर्मचारी अपने वेतन के अलावा अन्य स्रोतों से काटे गए टीडीएस और टीसीएस की जानकारी भी दे सकते हैं। इससे वेतन से कम टैक्स कटेगा और कर्मचारियों को ज्यादा टेक-होम सैलरी मिलेगी। नियोक्ता अब इस नए फॉर्म के आधार पर कर्मचारियों के वेतन से टीडीएस काट सकेंगे। इसके लिए उन्हें कर्मचारियों से फॉर्म 12BAA में दी गई जरूरी जानकारी जुटानी होगी और उस आधार पर टैक्स एडजस्टमेंट करना होगा। फॉर्म 12BAA जारी होना उन वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए राहत भरा उपाय है, जिन्हें फिलहाल वेतन के अलावा अन्य स्रोतों से काटे गए टीडीएस और टीसीएस की रकम का रिफंड पाने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है।

बजट में क्या घोषणा की गई?

बजट में सरकार ने घोषणा की थी कि अन्य स्रोतों से काटे गए टीडीएस और टीसीएस को कर्मचारियों के वेतन से की जाने वाली टीडीएस कटौती में समायोजित किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों के लिए नकदी प्रवाह की समस्याओं को कम करना था। इस तरह से टीसीएस और टीडीएस को समायोजित करने से कर्मचारियों को टैक्स रिफंड का दावा करने की जरूरत नहीं होगी। इस प्रक्रिया से टैक्स अनुपालन सरल होगा और आईटीआर की प्रोसेसिंग में भी तेजी आएगी।