TCS Employee Assault : नौकरी से निकाला, पैसे मांगे तो HR ने कॉलर पकड़कर की मारपीट? TCS कर्मचारी की दर्दभरी कहानी
News India Live, Digital Desk: TCS Employee Assault : देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) एक बार फिर गलत वजहों से चर्चा में है. कंपनी के एक पूर्व कर्मचारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Reddit पर आरोप लगाया है कि नौकरी से निकाले जाने के बाद जब उसने अपने सेवरेंस पैकेज (टर्मिनेशन के बाद मिलने वाला मुआवज़ा) के बारे में पूछा, तो एचआर (HR) ने उसके साथ शारीरिक मारपीट की. यह पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गया और कॉर्पोरेट जगत में कर्मचारियों के अधिकारों और व्यवहार को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है.
क्या है पूरा मामला?
Reddit पर 'r/developersIndia' नाम के एक ग्रुप में कर्मचारी ने अपनी आपबीती सुनाई. उसने बताया कि उसे एक मीटिंग में बुलाया गया और अचानक उसकी नौकरी खत्म करने की जानकारी दी गई. जब उसने अपने ऑफर लेटर का हवाला देते हुए सेवरेंस पैकेज के बारे में पूछा, तो माहौल गरमा गया.
कर्मचारी ने लिखा, "जैसे ही मैंने सेवरेंस पैकेज का ज़िक्र किया, एचआर मैनेजर गुस्से में आ गया. उसने मेरा कॉलर पकड़ा, मुझे धक्का दिया और केबिन से बाहर निकालने की कोशिश की." पीड़ित का आरोप है कि एचआर ने उसे धमकी भी दी कि अगर उसने ऑफिस नहीं छोड़ा, तो वह सिक्योरिटी को बुलाकर उसे बाहर फेंकवा देगा. इस घटना से कर्मचारी पूरी तरह से हैरान और डरा हुआ है.
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
कर्मचारी के इस पोस्ट के बाद इंटरनेट पर लोग जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. ज़्यादातर लोग कर्मचारी के साथ हुए इस व्यवहार की निंदा कर रहे हैं और उसे कानूनी सलाह लेने के लिए कह रहे हैं. कई यूजर्स ने बड़ी कंपनियों में एचआर के अमानवीय रवैये और "हायर एंड फायर" कल्चर पर भी सवाल उठाए. लोगों का कहना है कि किसी को नौकरी से निकालना एक प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन किसी के साथ शारीरिक हिंसा करना एक अपराध है.
क्या कहती है कंपनी की पॉलिसी?
हालांकि TCS ने इस विशेष घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन कंपनी की पॉलिसी के अनुसार, अगर कोई कर्मचारी उम्मीद के मुताबिक काम नहीं कर पाता है, तो उसे चेतावनी के बाद बिना नोटिस दिए नौकरी से निकाला जा सकता है. लेकिन इस पॉलिसी में कर्मचारी के साथ मारपीट या दुर्व्यवहार करने का कोई ज़िक्र नहीं है.
यह घटना इस बात पर गंभीर सवाल खड़े करती है कि क्या बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों को सिर्फ एक नंबर समझती हैं? नौकरी से निकालना किसी भी कर्मचारी के लिए एक मुश्किल समय होता है, और ऐसे में उसके साथ इस तरह का व्यवहार न केवल गैर-पेशेवर है, बल्कि पूरी तरह से अमानवीय भी है.
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