टीबी मरीजों को बिहार सरकार से बड़ी राहत: हर महीने मिलेंगे 1000 रुपये

Tuberculosis

टीबी यानी ट्यूबरकुलोसिस एक गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया से होती है। हालांकि, यह बीमारी संक्रामक है, लेकिन यह आसानी से नहीं फैलती। आमतौर पर, किसी संक्रमित व्यक्ति के लंबे समय तक संपर्क में रहने पर ही यह बीमारी दूसरे व्यक्ति को प्रभावित करती है।

भारत में टीबी के मरीजों की संख्या को कम करने और उनके इलाज में मदद के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाएं चला रही हैं। इसी कड़ी में बिहार सरकार ने टीबी मरीजों की आर्थिक सहायता के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य में टीबी मरीजों को हर महीने 1000 रुपये की मदद दी जा रही है।

टीबी मरीजों को हर महीने 1000 रुपये की मदद

बिहार सरकार ने टीबी मरीजों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता में वृद्धि की है। पहले मरीजों को 500 रुपये प्रति माह दिए जाते थे, लेकिन अब यह राशि बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति माह कर दी गई है। यह सहायता मरीजों को उनके पौष्टिक आहार के लिए दी जाती है, जिससे उनकी बीमारी से लड़ने की क्षमता मजबूत हो।

इस राशि को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए सीधे मरीज के बैंक खाते में भेजा जाएगा।

निक्षय पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

इस योजना का लाभ उठाने के लिए मरीजों को निक्षय पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। यह योजना सभी प्रकार के टीबी मरीजों के लिए है, चाहे उनका इलाज सरकारी अस्पताल में हो या प्राइवेट अस्पताल में। सरकार का यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि सभी मरीज, बिना भेदभाव, इस योजना का लाभ उठा सकें।

इलाज की अवधि तक मरीजों को हर महीने 1000 रुपये की यह सहायता राशि दी जाएगी।

आर्थिक सहायता के लिए जरूरी दस्तावेज

इस योजना का लाभ लेने के लिए टीबी मरीजों को अपने अस्पताल (सरकारी या प्राइवेट) में निम्नलिखित दस्तावेज जमा कराने होंगे:

  1. डॉक्टर का पर्चा (प्रिस्क्रिप्शन)
  2. आधार कार्ड या अन्य कोई सरकारी पहचान पत्र
  3. बैंक पासबुक की फोटोकॉपी

इसके अलावा, यह भी ध्यान देना जरूरी है कि इस योजना के तहत केवल वही बैंक खाता मान्य होगा, जिसमें पिछले तीन महीने में लेनदेन हुआ हो।

कौन-से खाते नहीं मान्य होंगे?

इस योजना के तहत कुछ खास प्रकार के बैंक खाते मान्य नहीं हैं, जैसे:

  • एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट)
  • आरडी (रेकरिंग डिपॉजिट)
  • पीएफ (प्रोविडेंट फंड) खाते
  • चालू खाते (करंट अकाउंट)

इसलिए मरीजों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास एक सक्रिय सेविंग खाता हो, जिसमें हाल ही में लेनदेन हुआ हो।

बिहार सरकार का सराहनीय कदम

बिहार सरकार का यह निर्णय टीबी मरीजों के इलाज और उनके पोषण को सुनिश्चित करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। यह आर्थिक सहायता न केवल मरीजों के इलाज को आसान बनाएगी, बल्कि उनके परिवारों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को भी कम करेगी।

टीबी जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने के लिए मरीजों को सिर्फ इलाज ही नहीं, बल्कि पौष्टिक आहार की भी जरूरत होती है। सरकार द्वारा दी जा रही यह मदद उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी।