पानी के बिलों पर लगेगा टैक्स, लोगों से ग्रीन सेस वसूलेगी सरकार

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कर्नाटक सरकार पानी के बिलों पर ग्रीन सेस लगाने की तैयारी कर रही है। सरकार ने पश्चिमी घाट के संरक्षण में फंड की कमी को पूरा करने के लिए यह फैसला लिया है। कर्नाटक सरकार पश्चिमी घाट से निकलने वाली नदियों से पीने का पानी सप्लाई करने वाली सभी निगमों और नगर पालिकाओं में पानी के बिलों पर 2 से 3 रुपये का मासिक “ग्रीन सेस” लगाने पर विचार कर रही है। वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने बुधवार को वन, पर्यावरण और पारिस्थितिकी के अतिरिक्त मुख्य सचिव को एक सप्ताह के भीतर प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

पश्चिमी घाट पर काम किया जाएगा

वन मंत्री ने इस राशि का उपयोग पश्चिमी घाटों में हरियाली को बचाने और बढ़ाने, पशु गलियारे बनाने के लिए कृषि भूमि खरीदने और पशुओं की सुरक्षा के लिए रेलवे बैरिकेड लगाने जैसी परियोजनाओं में मदद करने की योजना बनाई है। वन मंत्री ने पत्र में कहा कि एकत्र की गई राशि पूरी तरह से पश्चिमी घाटों के संरक्षण के लिए आरक्षित रहेगी। एसीएस को लिखे पत्र में मंत्री ने कहा, “कर्नाटक के पश्चिमी घाट तुंगा, भद्रा, कावेरी, काबिनी, हेमवती, कृष्णा, मालप्रभा और घाटप्रभा नदियों का घर हैं। हम इन नदियों से कई शहरों और कस्बों को पीने योग्य पानी की आपूर्ति करते हैं। ये हमारी भविष्य की पानी की जरूरतों को तभी पूरा कर पाएंगे जब हम पश्चिमी घाटों के साथ-साथ उनके जलग्रहण क्षेत्रों की भी रक्षा करेंगे।”

यथाशीघ्र क्रियान्वित किया जाएगा

मंत्री ने तर्क दिया कि 2 या 3 रुपये का छोटा सा उपकर भी पारिस्थितिकी दृष्टि से संवेदनशील घाटों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण धनराशि जुटा सकता है। उन्होंने कहा, “यह छोटी सी राशि लोगों में हमारे जीवन में घाटों की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी पैदा करने में मदद कर सकती है।” एक सप्ताह में विभागीय सचिव से प्रस्ताव मिलने के बाद इसे सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। वन मंत्री की योजना जल्द से जल्द ग्रीन सेस लागू करने की है।