टैक्स सेविंग टिप्स: ‘ट्रिपल ई’ में छिपा है टैक्स बचाने का नुस्खा, ऐसे उठा सकते हैं इसका पूरा फायदा

ईईई का मतलब है इग्जेम्प्ट इग्जेम्प्ट इग्जेम्प्ट। इस श्रेणी में आने वाली योजनाओं में तीन तरीकों से टैक्स बचाया जाता है। इसमें हर साल जमा की जाने वाली रकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है, इसके अलावा हर साल मिलने वाले ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है और मैच्योरिटी के समय मिलने वाली पूरी रकम भी टैक्स फ्री होती है यानी निवेश, ब्याज/रिटर्न और मैच्योरिटी कर मुक्त हैं. बचत होती है. जानिए किन योजनाओं में आप इसका लाभ उठा सकते हैं-

सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ)

टैक्स बचाने और सुरक्षित जगह निवेश करने के लिए पीपीएफ एक बेहतर विकल्प है। इस योजना के तहत कोई भी निवेशक एक साल में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा कर सकता है। पीपीएफ पर 7.1 फीसदी का सालाना ब्याज मिलता है. इस योजना की खास बात यह है कि इसमें निवेश का पैसा, निवेश के पैसे पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी राशि सभी कर मुक्त हैं।

सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई)

इस योजना के तहत निवेशक को 8.2 फीसदी ब्याज मिलता है. इस योजना के तहत कोई भी पिता अपनी बेटी के खाते में सालाना 250 रुपये से 1.5 लाख रुपये तक जमा कर सकता है. पैसा 15 साल के लिए जमा किया जाता है और जब बेटी 21 साल की हो जाती है तो ब्याज सहित पूरी रकम निवेशक को वापस कर दी जाती है। इसमें निवेश करने के लिए बेटी की उम्र 10 साल से कम होनी चाहिए।

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस)

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) को टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी कहा जाता है। इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में आप एकमुश्त पैसा जमा कर सकते हैं और एसआईपी के जरिए भी ऐसा कर सकते हैं। इसका लॉक-इन तीन साल के लिए है. इसके बाद आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं या अपना निवेश जारी रख सकते हैं। अगर आप 3 साल के बाद रकम निकालते हैं तो आपको टैक्स में छूट मिलती है.

कर्मचारी भविष्य योजना (ईपीएफ)

अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आप ईपीएफ के जरिए अपना टैक्स भी बचा सकते हैं। ईपीएफ भी एक ईईई श्रेणी की योजना है। फिलहाल इस पर 8.25 फीसदी ब्याज मिलता है. ऐसे में आप इस स्कीम के जरिए अच्छी खासी रकम जोड़ सकते हैं. आप चाहें तो वीपीएफ के जरिए अपना योगदान बढ़ा भी सकते हैं.