तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले में एक दर्दनाक हादसे में पटाखा निर्माण इकाई में विस्फोट हो गया, जिसमें छह मजदूरों की जान चली गई। यह घटना बोम्मयपुरम गांव में स्थित एक फैक्ट्री में हुई, जहां केमिकल्स को मिलाने की प्रक्रिया के दौरान विस्फोट हुआ। इस हादसे ने एक बार फिर पटाखा उद्योग में सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर किया है।
धमाके से कई कमरे ध्वस्त, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
घटना के तुरंत बाद अग्निशमन और बचाव विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट इतना भीषण था कि फैक्ट्री के कई कमरे पूरी तरह से ध्वस्त हो गए। मृतकों की पहचान वेलमुरुगन, नागराज, कन्नन, कामराज, शिवकुमार और मीनाक्षी सुंदरम के रूप में हुई है।
इसके अलावा, एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है और उसे विरुधुनगर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, ताकि इस हादसे के पीछे के कारणों का पता लगाया जा सके।
काम के दौरान हुआ विस्फोट, सुरक्षा की अनदेखी बनी वजह?
यह पटाखा फैक्ट्री अप्पानायाकनपट्टी पंचायत के बोम्मयपुरम गांव में स्थित है और इसे बालाजी नामक व्यक्ति द्वारा संचालित किया जाता है। हादसे के वक्त फैक्ट्री में सामान्य कामकाज चल रहा था। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि विस्फोट केमिकल्स को मिलाने के दौरान हुआ।
पटाखा निर्माण इकाइयों में अक्सर सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी की जाती है, जो इस तरह के हादसों का मुख्य कारण बनती है। हालांकि, अधिकारियों ने अभी तक इस घटना पर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है।
विरुधुनगर: हादसों का गढ़ बनता पटाखा उद्योग
तमिलनाडु का विरुधुनगर जिला पटाखा उद्योग का प्रमुख केंद्र है, लेकिन यह क्षेत्र बार-बार ऐसे खतरनाक हादसों का गवाह बनता है।
पिछले हादसे जिन्होंने मचाई तबाही
- मई 2024: शिवकाशी के पास सेंगामालापट्टी में पटाखा निर्माण इकाई में हुए विस्फोट में पांच महिलाओं सहित नौ मजदूरों की मौत हुई थी।
- फरवरी 2024: विरुधुनगर जिले की एक अन्य फैक्ट्री में विस्फोट से 10 लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए।
- अक्टूबर 2023: रंगापलायम और किचनैकेनपट्टी गांवों में पटाखा फैक्ट्रियों में आग लगने से 14 लोगों की जान गई।
इन हादसों ने न केवल मजदूरों की जान ली है, बल्कि इस क्षेत्र की फैक्ट्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पटाखा फैक्ट्रियों में सुरक्षा उपायों की कमी
पटाखा उद्योग में बड़े पैमाने पर काम करने वाले मजदूर अक्सर न्यूनतम सुरक्षा उपायों के साथ काम करते हैं। विस्फोटक सामग्री के साथ काम करने के बावजूद उचित प्रशिक्षण, सुरक्षात्मक उपकरण और मानकों का पालन नहीं किया जाता।
मुख्य समस्याएं
- केमिकल्स के भंडारण और मिश्रण में लापरवाही।
- मजदूरों को सुरक्षा उपकरणों की अनुपलब्धता।
- सरकारी निरीक्षण की कमी।
सरकार और उद्योग मालिकों को चाहिए कि वे इस दिशा में ठोस कदम उठाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।