भारत का नाम लेकर तालिबान ने पाकिस्तान को दे डाली वॉर्निंग, कहा- घुसपैठ की तो…

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अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चला आ रहा सीमा विवाद हाल के दिनों में और अधिक गहरा गया है। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य तनाव अब खुलकर सामने आ रहा है। पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में आतंकी ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों और इसके जवाब में अफगानिस्तान की कार्रवाई ने तनाव को और बढ़ा दिया है।

तालिबान पर पाकिस्तान का कड़ा रुख

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में तालिबान पर तीखे बयान देते हुए कहा कि तालिबान को कुचलने के बिना पाकिस्तान प्रगति नहीं कर सकता। इसके साथ ही पाकिस्तान में अफगानिस्तान के वखान कॉरिडोर पर कब्जे की चर्चा ने विवाद को और भड़का दिया है। तालिबान ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है।

पाकिस्तान का युद्ध का इतिहास और तालिबान की आलोचना

तालिबान के उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति इतनी खराब है कि वह किसी और युद्ध का भार नहीं उठा सकता। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए पाकिस्तान के खराब युद्ध रिकॉर्ड को याद दिलाया।

1971 की हार का जिक्र

शेर मोहम्मद अब्बास ने कहा,

“1971 के युद्ध में पाकिस्तान को भारत से बड़ी हार मिली थी। इस हार के चलते पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) अलग हो गया। पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, जो आधुनिक इतिहास में सबसे बड़ा आत्मसमर्पण माना जाता है।”

अन्य युद्धों में मिली असफलता

उन्होंने 1973 और 1989 में जलालाबाद की लड़ाई और कुनार नदी की लड़ाई का भी जिक्र किया, जिनमें पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने पाकिस्तान को सलाह दी कि उसे अपनी सीमाओं के बाहर लड़ाई में बार-बार मिली असफलताओं से सबक लेना चाहिए।

अल्पसंख्यकों और वखान पर कब्जे की आलोचना

तालिबान ने पाकिस्तान की आंतरिक नीतियों की भी आलोचना की। शेर मोहम्मद ने कहा कि पाकिस्तान अपने ही देश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर बलूच और पश्तून समुदायों के खिलाफ अत्याचार करता है। उन्होंने वखान कॉरिडोर पर कब्जे के विचार को मूर्खतापूर्ण बताया और कहा कि यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ी गलती साबित हो सकती है।

तालिबान की चेतावनी: घुसपैठ से बचें

तालिबान ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर उसने अफगानिस्तान में घुसपैठ या किसी क्षेत्र को तोड़ने की कोशिश की, तो यह उसके लिए गंभीर परिणाम लेकर आएगा। इससे पहले, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश के राजनीतिक और सैन्य स्टेकहोल्डर्स से एकजुट होकर सुरक्षा संकट से निपटने की अपील की थी।