एचडीएफसी बैंक से लोन लेना आपको महंगा पड़ेगा. देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (एमसीएलआर) में संशोधन किया है। बैंक ने 3 महीने की अवधि के लिए MCLR बढ़ा दी है. बैंक ने इसमें 5 बेसिस प्वाइंट यानी 0.05 फीसदी की बढ़ोतरी की है. एचडीएफसी बैंक का एमसीएलआर 9.10 से 9.45 फीसदी के बीच है. नई दरें शनिवार से प्रभावी हो गई हैं। बैंक ने शेष सभी अवधियों के लिए पुरानी दरें बरकरार रखी हैं। बैंक का ओवरनाइट एमसीएलआर 9.10 फीसदी और 1 महीने का एमसीएलआर 9.15 फीसदी है.
इससे पहले पिछले महीने भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई ने एमसीएलआर में 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इस बढ़ोतरी के बाद बैंक की एमसीएलआर आधारित ब्याज दर 8.20 फीसदी से 9.1 फीसदी के बीच है. वहीं, बैंक ने ओवरनाइट एमसीएलआर को बढ़ाकर 8.20 फीसदी कर दिया है.
3 महीने के लिए एमसीएलआर कितना है?
एचडीएफसी बैंक की 3 महीने की एमसीएलआर दर अब 9.25 फीसदी से बढ़कर 9.30 फीसदी हो गई है. बैंक का 6 महीने का एमसीएलआर 9.40 फीसदी है. इसके अलावा सभी लंबी अवधि के लिए एमसीएलआर दर 9.45 फीसदी है. एमसीएलआर बैंकों को होम लोन, बिजनेस लोन और पर्सनल लोन सहित सभी प्रकार के लोन पर ब्याज दरें तय करने में मदद करता है।
एमसीएलआर क्या है?
एमसीएलआर का मतलब है मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स वह न्यूनतम ब्याज दर है जिसके नीचे बैंकों को उधार देने की अनुमति नहीं है। यानी हम कह सकते हैं कि यह बैंक द्वारा ऋण देने के लिए न्यूनतम ब्याज दर है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने ऋण के लिए ब्याज दरें तय करने के लिए 1 अप्रैल 2016 को एमसीएलआर लागू किया। एमसीएलआर में कमी या बढ़ोतरी का सीधा असर कर्जदारों पर पड़ता है। इस बढ़ोतरी से ग्राहकों को अब लोन पर पहले के मुकाबले ज्यादा ईएमआई चुकानी होगी।