राजस्थानी गीत: जिस तरह हीर-रांजा, सोहनी-महिवाल और शिरीन-फरहाद प्रसिद्ध हैं, उसी तरह ढोला और मारू ने राजस्थान की रेतीली मिट्टी में प्रेम के फूल खिलाए। आज भी राजस्थान में नवविवाहित जोड़े को ढोला-मारू जोड़ा कहा जाता है। ढोला शब्द पति और प्रेमी का पर्याय बन गया है। जानिए ‘केसरी बालम’ गाने …
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