Symptoms Of Veins Blockage: जानिए कब होना चाहिए सतर्क

नसों में ब्लॉकेज के लक्षण: जानिए कब होना चाहिए सतर्क
नसों में ब्लॉकेज के लक्षण: जानिए कब होना चाहिए सतर्क

नसें हमारे शरीर का एक अहम हिस्सा होती हैं, जिनका काम शरीर के हर कोने तक खून और जरूरी पोषक तत्वों को पहुंचाना होता है। ये एक मजबूत नेटवर्क की तरह काम करती हैं जो हर अंग और टिश्यू तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति करती हैं। लेकिन जब इनमें ब्लॉकेज आ जाता है, तो यही सिस्टम गड़बड़ा जाता है और इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है।

नसों में ब्लॉकेज का मतलब होता है कि खून के प्रवाह में रुकावट आ गई है, जिससे जरूरी अंगों को पर्याप्त पोषण और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे खराब जीवनशैली, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, धूम्रपान और व्यायाम की कमी। नसों के ब्लॉक होने पर शरीर कई संकेत देता है, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ आम लक्षण जिन पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

1. सीने में दर्द

अगर आपको सीने में बार-बार दर्द या भारीपन महसूस होता है, तो यह नसों के ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है। यह दर्द खासतौर पर सीने के बीच में होता है और हल्के से लेकर तेज तक हो सकता है। ब्लॉकेज के कारण जब दिल तक ऑक्सीजन ठीक से नहीं पहुंच पाती, तो सीने में दर्द शुरू हो जाता है। यह दिल के दौरे का शुरुआती संकेत भी हो सकता है, इसलिए इस लक्षण को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।

2. सांस लेने में तकलीफ

नसों में ब्लॉकेज के कारण शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित होती है। इसका सीधा असर आपकी सांसों पर पड़ता है। आप बिना किसी भारी काम के भी सांस फूलने जैसी स्थिति महसूस कर सकते हैं। खासकर जब आप सीढ़ियां चढ़ते हैं या थोड़ी सी दौड़ लगाते हैं, तो यह समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है। अगर आपको सामान्य गतिविधियों में भी सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो यह आपके हृदय या रक्त वाहिकाओं में ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है।

3. अत्यधिक थकान और कमजोरी

अगर आप बिना किसी शारीरिक मेहनत के भी थकान और कमजोरी महसूस कर रहे हैं, तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है। नसों में ब्लॉकेज होने पर दिल को खून पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसका असर आपकी ऊर्जा पर पड़ता है और आप खुद को बार-बार थका हुआ महसूस करते हैं। यह थकान सामान्य नहीं होती और अक्सर आराम करने पर भी दूर नहीं होती।

4. चक्कर आना या बेहोशी जैसा महसूस होना

ब्लॉकेज के कारण जब मस्तिष्क तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचती, तो व्यक्ति को चक्कर आ सकते हैं या बेहोशी जैसा महसूस हो सकता है। यह स्थिति अचानक हो सकती है और खड़े होने या चलने पर ज्यादा महसूस होती है। बार-बार चक्कर आना न केवल आपकी दिनचर्या को प्रभावित करता है, बल्कि यह मस्तिष्क में रक्त संचार की कमी का भी संकेत हो सकता है। अगर यह लक्षण बार-बार हो रहा है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

5. पैरों या हाथों में सुन्नपन या ठंडापन

अगर आपको अक्सर पैरों या हाथों में सुन्नपन या ठंडा महसूस होता है, तो यह भी नसों में ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है। जब नसों के जरिए खून का प्रवाह अंगों तक नहीं पहुंचता, तो अंग सुन्न या ठंडे पड़ जाते हैं। खासकर जब एक ही अंग बार-बार प्रभावित हो रहा हो, तो इसे नजरअंदाज न करें।

6. पैरों में दर्द या ऐंठन

जब नसों में ब्लॉकेज होता है, तो शरीर के निचले हिस्से—खासकर पैरों तक खून का सही तरीके से प्रवाह नहीं हो पाता। इसका नतीजा यह होता है कि थोड़ी दूर चलने पर ही पैरों में दर्द, ऐंठन या भारीपन महसूस होने लगता है। यह समस्या आमतौर पर तब बढ़ती है जब व्यक्ति सीढ़ियां चढ़ता है या तेज चलने की कोशिश करता है। इसे मेडिकल भाषा में “क्लॉडिकेशन” कहते हैं। इस तरह का दर्द आमतौर पर आराम करने के बाद कम हो जाता है, लेकिन बार-बार यह लक्षण दिखना चिंता का विषय हो सकता है और नसों की गड़बड़ी की ओर इशारा करता है।

यह दर्द कभी-कभी केवल एक पैर में महसूस होता है और समय के साथ गंभीर रूप ले सकता है। अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो डॉक्टर से परामर्श ज़रूरी हो जाता है, क्योंकि यह संकेत हो सकता है कि पैरों की धमनी संकरी हो गई है या उसमें ब्लॉकेज आ गया है। समय रहते उपचार न करने पर यह स्थायी नुकसान भी कर सकता है।

7. दिल की धड़कन में अनियमितता

अगर आपकी दिल की धड़कन सामान्य से तेज या अनियमित हो गई है, तो यह भी नसों में ब्लॉकेज का लक्षण हो सकता है। जब हृदय तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचती, तो वह ज्यादा मेहनत करता है, जिससे धड़कन तेज हो सकती है या रुक-रुक कर महसूस हो सकती है। इसे मेडिकल भाषा में “एरिथमिया” कहा जाता है। यह स्थिति कभी-कभी सीने में घबराहट, बेचैनी और पसीना लाने जैसी स्थितियां भी पैदा कर सकती है।

अगर यह समस्या बार-बार हो रही हो, तो इसे सामान्य टेंशन या थकान समझ कर नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। ऐसे लक्षण हार्ट अटैक या स्ट्रोक का पूर्व संकेत हो सकते हैं। बेहतर है कि ECG या इकोकार्डियोग्राम जैसी जांच के जरिए इसका कारण जल्द से जल्द पता लगाया जाए।

8. त्वचा का रंग बदलना

नसों में ब्लॉकेज का असर सिर्फ अंदरूनी अंगों पर नहीं, बल्कि आपकी त्वचा पर भी दिखाई दे सकता है। जब शरीर के किसी हिस्से में खून का प्रवाह कम हो जाता है, तो उस हिस्से की त्वचा नीली, पीली या फीकी पड़ने लगती है। यह बदलाव खासतौर पर उंगलियों, पैर की अंगुलियों या हाथों में साफ देखा जा सकता है। इसके अलावा, प्रभावित हिस्से में अधिक ठंडक या सूजन भी महसूस हो सकती है।

यह लक्षण देखने पर लोगों को अक्सर लगता है कि मौसम की वजह से ऐसा हो रहा है, लेकिन अगर यह समस्या लगातार बनी रहे या किसी एक ही हिस्से में बार-बार हो रही हो, तो यह ब्लड सर्कुलेशन की समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें, ताकि सही समय पर इलाज शुरू हो सके।

9. याददाश्त में कमी और मानसिक भ्रम

ब्लॉकेज की वजह से मस्तिष्क तक ऑक्सीजन और खून नहीं पहुंच पाने पर व्यक्ति को याददाश्त की समस्या, एकाग्रता में कमी और मानसिक भ्रम हो सकता है। यह लक्षण विशेष रूप से बुजुर्गों में अधिक देखने को मिलता है। कभी-कभी व्यक्ति सामान्य बातों को भूलने लगता है, या उसे दिन और समय की जानकारी रखने में कठिनाई होती है।

यह लक्षण अल्जाइमर या डिमेंशिया जैसी मानसिक बीमारियों से मिलते-जुलते हो सकते हैं, लेकिन इनका कारण नसों में ब्लॉकेज भी हो सकता है। अगर व्यक्ति को बार-बार बातें भूलने की आदत हो रही हो, और वह पहले की तुलना में ज्यादा उलझा हुआ महसूस कर रहा हो, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें और तुरंत जांच कराएं।

10. हाई ब्लड प्रेशर

हाई ब्लड प्रेशर खुद में एक समस्या है, लेकिन यह नसों में ब्लॉकेज का नतीजा भी हो सकता है। जब रक्त प्रवाह में रुकावट आती है, तो दिल को अधिक बल लगाना पड़ता है ताकि खून पूरे शरीर में पहुंच सके। इसका असर सीधे तौर पर ब्लड प्रेशर पर पड़ता है और यह सामान्य से काफी अधिक हो जाता है।

लगातार हाई ब्लड प्रेशर रहना नसों और दिल दोनों के लिए खतरनाक है। यह धीरे-धीरे रक्त धमनियों की दीवारों को कमजोर करता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थितियों का खतरा बढ़ा सकता है। इसलिए अगर आपको हाई बीपी की समस्या लंबे समय से है, तो ब्लॉकेज की जांच भी ज़रूर कराएं।

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