महाराजा भूपिंदर सिंह: पटियाला के शाही वैभव और अनोखी जीवनशैली के प्रतीक

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महाराजा भूपिंदर सिंह, पटियाला रियासत के सबसे चर्चित और प्रभावशाली शासकों में से एक थे। उनका जीवन विलासिता, शाही परंपराओं, और असाधारण शौकों से भरा हुआ था। आइए जानते हैं उनके जीवन की अनूठी और दिलचस्प कहानियों के बारे में।

जन्म और प्रारंभिक जीवन

  • महाराजा भूपिंदर सिंह का जन्म पटियाला के मोती बाग पैलेस में हुआ।
  • उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लाहौर के एचिसन कॉलेज से प्राप्त की।
  • महज 9 साल की उम्र में अपने पिता के उत्तराधिकारी बनकर उन्होंने पटियाला रियासत की बागडोर संभाली।
  • उनके शासनकाल में पटियाला ने नहरों, ट्रेनों, डाकघरों, 262 स्कूलों और 40 अस्पतालों के निर्माण के साथ समृद्धि की नई ऊंचाइयों को छुआ।
  • 1914 तक रियासत का वार्षिक राजस्व 9 मिलियन रुपये था।

365 रानियों की अनोखी कहानी

  • महाराजा की शादियों और रानियों की कहानियां दुनिया भर में चर्चित रहीं।
  • उनके पास 365 रानियां थीं, जिनका चयन एक अनोखे तरीके से होता था।
  • महाराजा लालटेन जलाते, और जो लालटेन सबसे पहले बुझती, उसकी मालिक महिला को उस रात उनके साथ रहने का मौका मिलता।

परिवार और उत्तराधिकारी

  • महाराजा भूपिंदर सिंह 88 बच्चों के पिता थे, जिनमें से 52 बच्चों ने वयस्कता तक जीवन जिया।
  • उनकी पत्नियों और बच्चों की विशाल संख्या ने उन्हें वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया।
  • उनकी असाधारण जीवनशैली पर कई किताबें लिखी गईं।

शाही संपत्ति और विलासिता

  1. प्राइवेट प्लेन और कार कलेक्शन:
    • महाराजा के पास निजी विमान और 44 रोल्स रॉयस कारें थीं।
  2. पटियाला हार:
    • उनके पास विश्व प्रसिद्ध पटियाला हार था, जिसमें 1001 नीले और सफेद हीरे जड़े थे।
    • महाराजा साल में एक बार इसे दरबार में पहनकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते थे।

खेलों के प्रति प्रेम

  • महाराजा को क्रिकेट और पोलो का विशेष शौक था।
  • 1911 में उन्होंने इंग्लैंड दौरे पर भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की।
  • 1915 से 1937 के बीच उन्होंने कई प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच खेले।
  • वे प्रतिष्ठित मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) के सदस्य भी बने।
  • महाराजा ने अपनी ‘पटियाला टाइगर्स’ क्रिकेट टीम के लिए भारत में सबसे ऊंची क्रिकेट पिच बनाई थी।

खाने के शौक

  • महाराजा अपने असाधारण खानपान के लिए भी प्रसिद्ध थे।
  • वे एक बार में 40-50 बोनलेस बटेर खा सकते थे।
  • उनका सूप 24 स्निप्स से बनाया जाता था।
  • 1927 में, टाइम्स ने रिपोर्ट किया कि वे पेरिस में 40 नौकरों, 20 नर्तकियों और हीरे-मोती से भरे बक्सों के साथ थे।

‘पटियाला पैग’ और शाही पार्टियां

  • महाराजा शानदार पार्टियों की मेजबानी के लिए मशहूर थे।
  • उन्होंने इन पार्टियों में ‘पटियाला पैग’ का आविष्कार किया, जो आज भी उनकी शाही जीवनशैली का प्रतीक है।
  • इन पार्टियों में दुनिया भर के गणमान्य व्यक्ति शामिल होते थे।

महाराजा भूपिंदर सिंह: आकर्षण का केंद्र

महाराजा भूपिंदर सिंह का जीवन शाही वैभव, अनोखी परंपराओं और विलासिता का अनूठा उदाहरण था। उनकी जीवनशैली आज भी इतिहास प्रेमियों और आम जनता को आकर्षित करती है। उनकी उपलब्धियों और विलासिता भरी कहानियां पटियाला की शान और भारतीय रियासतों के गौरव का प्रतीक हैं।