सिडनी टेस्ट में भारतीय टीम मुश्किल हालातों का सामना कर रही थी। बोर्ड पर ज्यादा रन नहीं थे और गेंदबाजी में भारतीय टीम को तीसरे दिन अपने नियमित कप्तान जसप्रीत बुमराह का साथ नहीं मिला। चोटिल बुमराह की जगह विराट कोहली ने कप्तानी संभाली, और उनकी आक्रामक शैली ने मैच को चर्चा का विषय बना दिया।
विराट कोहली: कप्तानी का अद्वितीय अंदाज
विराट कोहली, जिन्हें 2022 की शुरुआत में कप्तानी छोड़नी पड़ी थी, मजबूरी में फिर से टीम की कमान संभालते नजर आए। रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी और बुमराह की चोट ने उन्हें स्टैंड-इन कप्तान बना दिया। कोहली ने अपनी टीम के खिलाड़ियों को न केवल जोश से भर दिया, बल्कि अपने प्रशंसकों को भी उत्साहित किया।
ऑस्ट्रेलियाई फैंस से तीखी नोकझोंक:
विराट कोहली मैदान पर जितने आक्रामक थे, उतने ही मज़ेदार अंदाज में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई फैंस को जवाब दिया। जब ऑस्ट्रेलियाई समर्थक स्टीव स्मिथ के आउट होने के बाद हूटिंग कर रहे थे, तब कोहली ने अपने अंदाज में उन्हें चिढ़ाते हुए अपनी ट्राउजर की जेबें दिखाईं और इशारों में यह जताया कि उनके पास कोई सैंडपेपर नहीं है।
यह इशारा सीधे 2018 के कुख्यात बॉल टैंपरिंग स्कैंडल की ओर था, जिसमें स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और कैमरून बैनक्राफ्ट फंसे थे। उस समय, सैंडपेपर का उपयोग कर गेंद से छेड़छाड़ की गई थी, जिसके लिए स्मिथ और वॉर्नर को एक साल का प्रतिबंध झेलना पड़ा था, जबकि बैनक्राफ्ट को नौ महीने के लिए बैन किया गया था।
टीम का जोश बढ़ाने में कोहली का रोल
विराट कोहली केवल विरोधी टीम पर ही नहीं, बल्कि अपनी टीम और समर्थकों पर भी पूरा ध्यान दे रहे थे। उन्होंने खिलाड़ियों को चार्ज रखने के साथ-साथ भारतीय फैंस को जोश बनाए रखने के लिए इशारों से उत्साहित किया। कोहली का यह रवैया उनकी शानदार कप्तानी का प्रतीक था।
स्टीव स्मिथ के समर्थन में भी खड़े दिखे कोहली
हालांकि मैदान पर कोहली का रवैया आक्रामक रहता है, लेकिन स्टीव स्मिथ के प्रति उनकी सहानुभूति पहले भी दिख चुकी है। वर्ल्ड कप 2019 के दौरान, जब भारतीय फैंस ने स्मिथ को हूटिंग का शिकार बनाया था, तब कोहली ने खुद आगे बढ़कर स्मिथ के लिए समर्थन व्यक्त किया था।
सिडनी टेस्ट में कोहली की यह दोहरी भूमिका—एक तरफ कप्तान और दूसरी तरफ प्रशंसकों को जोश में बनाए रखना—ने उनकी नेतृत्व क्षमता को फिर से साबित कर दिया। उनकी आक्रामक शैली और रणनीति ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि वह भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तानों में क्यों गिने जाते हैं।