मीठे पेय पदार्थों से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है: अध्ययन

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स्वीडन में किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि मीठे पेय पदार्थों के अत्यधिक सेवन से स्ट्रोक, दिल का दौरा और अन्य गंभीर हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा काफी बढ़ सकता है।

इस शोध में यह भी पता चला है कि बहुत ज़्यादा चीनी का सेवन शरीर में रक्त धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे हृदय रोग का ख़तरा बढ़ जाता है। फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि मीठे पेय पदार्थ अन्य प्रकार की चीनी की तुलना में ज़्यादा हानिकारक होते हैं।

मीठे पेय पदार्थ हृदय के लिए विष हैं

इस शोध के अनुसार मीठे पेय पदार्थों में मौजूद चीनी शरीर में ज़्यादा तृप्ति नहीं पहुंचाती, जिसके कारण लोग इनका ज़्यादा सेवन करने लगते हैं। इसका मतलब यह है कि जब कोई व्यक्ति मीठे पेय पदार्थों का सेवन करता है, तो उसे जल्द ही फिर से भूख लगने लगती है और इससे खपत बढ़ सकती है।

यह साक्ष्य हृदय रोगियों से प्राप्त हुआ

69,705 प्रतिभागियों के डेटा पर आधारित अध्ययन में पाया गया कि चीनी का अत्यधिक सेवन स्ट्रोक, दिल के दौरे और एट्रियल फ़िब्रिलेशन जैसी गंभीर हृदय रोगों के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है। अध्ययन में शहद, पेस्ट्री और कार्बोनेटेड पेय जैसे मीठे पेय पदार्थों को हृदय रोग से जुड़े प्रमुख कारकों के रूप में पहचाना गया।

अध्ययन क्यों आवश्यक है?

यह शोध दो प्रमुख अध्ययनों से प्राप्त आंकड़ों को एकत्रित करके किया गया था, जिसमें 10 वर्षों तक 25,739 प्रतिभागियों का अनुसरण किया गया था। अध्ययन में दो प्रकार के स्ट्रोक, दिल का दौरा, दिल की विफलता, महाधमनी धमनीविस्फार, अलिंद विकम्पन और महाधमनी स्टेनोसिस जैसे हृदय संबंधी रोगों के जोखिम का मूल्यांकन किया गया। शोध के दौरान, यह पाया गया कि अत्यधिक चीनी के सेवन से विशेष रूप से इस्केमिक स्ट्रोक और उदर महाधमनी धमनीविस्फार का जोखिम बढ़ जाता है।