शपथ ग्रहण समारोह: आतिशी बनीं दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री, नई कैबिनेट में चार पुराने मंत्री शामिल

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आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली: आम आदमी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और 17 सितंबर को नए मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी के नाम की घोषणा की गई थी. आतिशी ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. इसके साथ ही कैबिनेट के नए चेहरे के तौर पर चार पुराने मंत्रियों गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन के अलावा सुल्तानपुर माजरा से विधायक मुकेश कुमार अहवाल्ट ने भी मंत्री पद की शपथ ली है. 

मुकेश अहलावत के रूप में एक दलित चेहरे को कैबिनेट में जगह दी गई है. हालांकि दलित चेहरे के तौर पर विश्वे रवि और कुलदीप कुमार का नाम भी रेस में था. लेकिन उनकी जगह पहली बार विधायक बने मुकेश को तवज्जो दी गई है. मुकेश ने 2020 में पहली बार आम आदमी पार्टी के टिकट पर सुल्तानपुर माजरा से दिल्ली चुनाव लड़ा। उन्होंने यह चुनाव 48,042 वोटों से जीता. 

सरकार बनाने का दावा किया

केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी के सभी नेता एलजी ऑफिस के बाहर आए और प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस बीच गोपाल राय ने कहा, ‘हमने आतिशी जी को नया मुख्यमंत्री बनाने के लिए उपराज्यपाल के समक्ष दावा दायर किया है. इसके अलावा हमने एलजी से शपथ ग्रहण की तारीख तय करने की भी मांग की है.’

जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने बड़ा ऐलान किया

तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल ने बैठक की. उन्होंने कहा कि ‘मैं अगले दो दिनों में इस्तीफा दे दूंगा. मैं आपके दरबार में आया हूं. अब आप ही तय करें कि कौन सही था. यहां तक ​​कि मनीष सिसौदिया भी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे.’ केजरीवाल के ऐलान के बाद दिल्ली की राजनीति में हलचल शुरू हो गई कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा. इसके बाद आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक बुलाई गई। इस बीच दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम पर भी चर्चा हुई. जिसमें नए मुख्यमंत्री के तौर पर आतिशी का नाम चुना गया.

मुख्यमंत्री बनाए जाने पर आतिशी की प्रतिक्रिया

दिल्ली की नई मुख्यमंत्री चुनी गईं आतिशी ने कहा कि मैं अरविंद केजरीवाल के दूसरी बार इस पद पर लौटने तक उनके मार्गदर्शन में काम करूंगी. मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि दिल्लीवासियों को मुफ्त बिजली, अच्छी शिक्षा और मुफ्त इलाज जैसी सुविधाएं मिलती रहें। आतिशी की पहली प्रतिक्रिया इस बात पर खुशी की बजाय दुख जताने की थी कि केजरीवाल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. इस बीच उनके चेहरे पर डिप्रेशन साफ ​​नजर आ रहा था. 

आतिशी ने दिल्ली के विधायकों और जनता से अपील की कि कोई भी मुझे शुभकामनाएं नहीं दे और न ही माला पहनाए. आम आदमी पार्टी के बाद खुद आतिशी ने भी साफ कर दिया कि वह इस सरकार के कार्यकाल के अंत तक मुख्यमंत्री बनी रहेंगी और नए चुनाव के बाद अगर जनादेश पार्टी के पक्ष में आया तो केजरीवाल मुख्यमंत्री होंगे.