डेढ़ घंटे की बंद कमरे में मुलाकात, आजम खान से मिलकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने UP में मचाई सियासी हलचल

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23 महीने जेल में रहने के बाद समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान जब से बाहर आए हैं, रामपुर में सियासी हलचल तेज हो गई है। पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उनसे मिलने पहुंचे और अब अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की मुलाकात ने यूपी की सियासत में एक नई बहस छेड़ दी है।

शनिवार को स्वामी प्रसाद मौर्य अचानक आजम खान से मिलने उनके घर रामपुर पहुंच गए। इस मुलाकात ने सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है।

बंद कमरे में डेढ़ घंटे तक क्या बात हुई?

स्वामी प्रसाद मौर्य जब रामपुर में आजम खान के घर पहुंचे, तो उनका स्वागत आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम ने गर्मजोशी से किया। इसके बाद आजम खान और स्वामी प्रसाद मौर्य के बीच एक बंद कमरे में करीब डेढ़ घंटे तक लंबी बातचीत हुई। इस मुलाकात के बाद जब दोनों नेता बाहर आए, तो उन्होंने इसे एक सामान्य और शिष्टाचार भेंट बताया।

आजम खान ने कहा, "हमारे पुराने साथी हैं। राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन रिश्तों में दूरी नहीं होनी चाहिए। यह मुलाकात महज एक शिष्टाचार भेंट थी।"

वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी इसे औपचारिक बताते हुए कहा, "मैं आजम साहब से मिलने आया था। वे प्रदेश की राजनीति के एक बड़े नेता हैं। हमने देश और प्रदेश की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की है।"

क्या सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात थी या कुछ और?

भले ही दोनों नेता इस मुलाकात को सार्वजनिक तौर पर एक सामान्य भेंट बता रहे हों, लेकिन इस मुलाकात के समय और तरीके ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब यूपी की राजनीति में लगातार नए समीकरण बनने और बिगड़ने की खबरें आम हैं। दोनों ही नेता अपने बयानों और राजनीतिक कदमों से यूपी की सियासत में खास प्रभाव डालते हैं।

डेढ़ घंटे तक बंद दरवाजे के पीछे हुई इस चर्चा ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या यूपी की राजनीति में कोई नई खिचड़ी पक रही है? हालांकि, दोनों नेताओं ने बातचीत का मुद्दा सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन इस मुलाकात ने सियासी तापमान जरूर बढ़ा दिया है।

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