लुधियाना: लुधियाना के दुगरी इलाके में एमजीएम पब्लिक स्कूल के बाहर सोमवार को शिक्षकों ने धरना दिया. स्कूल प्रबंधन ने 12 शिक्षकों को निलंबित कर दिया है, जिसके चलते शिक्षकों ने स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि उन्हें बिना कोई नोटिस दिए स्कूल प्रबंधन ने निलंबित कर दिया है. शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों ने भी स्कूल में विरोध प्रदर्शन किया. स्कूल प्रबंधन ने निलंबित शिक्षकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ बच्चों के साथ शिक्षकों ने भेदभाव किया है. एक शिक्षिका ने बताया कि उन्हें बिना कोई नोटिस दिये नौकरी से हटा दिया गया है.
उन्होंने कहा कि हर बार स्कूल द्वारा किसी भी शिक्षक को बिना कोई नोटिस दिए नौकरी से हटा दिया जाता है, जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और एक शिक्षक की मानसिकता के साथ भी खिलवाड़ है. शिक्षकों ने कहा कि परीक्षा नजदीक है और स्कूल प्रबंधन पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि बच्चे और बच्चों के माता-पिता भी उनके पक्ष में हैं. बच्चों ने शिक्षकों के खिलाफ प्रदर्शन भी किया क्योंकि शिक्षकों को स्कूल से नहीं निकाला जाना चाहिए. शिक्षकों ने जिला शिक्षा विभाग से भी इस मामले पर ध्यान देने को कहा है.
छात्र भी शिक्षकों के पक्ष में हैं
कुछ छात्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रदर्शन के बाद उन्हें स्कूल में प्रवेश नहीं करने दिया गया, जिसके कारण उन्हें गेट पर चढ़कर स्कूल में प्रवेश करना पड़ा. छात्रों ने भी शिक्षकों का समर्थन करते हुए कहा कि अगर प्रबंधन ने निलंबित शिक्षकों को बहाल नहीं किया तो दोबारा विरोध प्रदर्शन किया जायेगा.
क्या कहते हैं एमजीएम स्कूल के निदेशक गजिंदर सिंह
एमजीएम स्कूल के निदेशक गजिंदर सिंह ने कहा कि इन शिक्षकों को ट्रायल के आधार पर रखा गया था और शिक्षकों की कार्य प्रणाली सही नहीं होने के कारण उन्हें नौकरी से हटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि नौकरी में आने से पहले उन्होंने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था कि अगर उनके पढ़ाने का तरीका सही नहीं होगा तो उन्हें किसी भी वक्त नौकरी से हटा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्कूल का गेट सिर्फ प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बंद किया गया था, छात्रों को रोकने के लिए नहीं. निदेशक थिंड ने कहा कि शिक्षकों के साथ-साथ कुछ बाहरी लोगों ने भी स्कूल में तोड़फोड़ की.