बांग्लादेश प्रीमियर लीग में स्पॉट फिक्सिंग का शक, 10 खिलाड़ी और 4 फ्रेंचाइजी जांच के घेरे में

Bpl 1738296255471 1738296262453

बांग्लादेश प्रीमियर लीग (BPL) में स्पॉट फिक्सिंग का मामला तूल पकड़ रहा है। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (ACU) ने 10 खिलाड़ियों और चार फ्रेंचाइजी को संदेह के दायरे में रखा है। मीडिया रिपोर्ट्स और अज्ञात सूत्रों के आधार पर, ACU आठ संदिग्ध मैचों की जांच कर रही है।

इन खिलाड़ियों और फ्रेंचाइजी पर है शक

डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, जांच के घेरे में आए 10 खिलाड़ियों में से 6 बांग्लादेश की राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं, जबकि 2 अनकैप्ड खिलाड़ी और 2 विदेशी क्रिकेटर हैं। वहीं, चार फ्रेंचाइजी पर सवाल उठ रहे हैं—

  • दरबार राजशाही
  • ढाका कैपिटल्स
  • सिलहट स्ट्राइकर्स
  • चटगांव किंग्स

इन मैचों की हो रही है जांच

जिन आठ मुकाबलों को फिक्सिंग के शक में खंगाला जा रहा है, वे हैं—

  1. फॉर्च्यून बारिशाल बनाम राजशाही (6 जनवरी)
  2. रंगपुर राइडर्स बनाम ढाका (7 जनवरी)
  3. ढाका बनाम सिलहट (10 जनवरी)
  4. राजशाही बनाम ढाका (12 जनवरी)
  5. चटगांव बनाम सिलहट (13 जनवरी)
  6. बारिशाल बनाम खुलना टाइगर्स (22 जनवरी)
  7. चटगांव बनाम सिलहट (22 जनवरी)
  8. राजशाही बनाम रंगपुर (23 जनवरी)

फिक्सिंग के ये सबूत आए सामने

शक के आधार पर जिन बिंदुओं की जांच हो रही है, उनमें शामिल हैं—

  • गेंदबाजों द्वारा लगातार तीन वाइड और नो-बॉल डालना
  • संदिग्ध प्लेइंग XI चयन
  • बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए मिडिल ओवर में जानबूझकर धीमी बल्लेबाजी

ACU अधिकारियों की निष्पक्षता पर भी सवाल

बीपीएल में हर टीम के लिए अलग-अलग 7 ACU इंटीग्रिटी अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, लेकिन उनकी कार्यप्रणाली पर भी संदेह जताया जा रहा है। इसकी मुख्य वजह यह है कि उनके भुगतान, आवास और अन्य सुविधाओं की जिम्मेदारी खुद फ्रेंचाइजी के पास है, जिससे उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं।

BCB के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा—
“यह मुद्दा BCB के सीईओ निज़ामुद्दीन चौधरी और अध्यक्ष फारूक अहमद तक पहुंचाया गया था। सवाल यह है कि ACU अधिकारी कैसे स्वतंत्र जांच कर सकते हैं, जब उनके सभी खर्च फ्रेंचाइजी उठा रही हैं? इससे वे पक्षपाती हो सकते हैं। हालांकि, इस मामले पर सहमति तो बनी, लेकिन बाद में कोई बदलाव नहीं हुआ। यह बेहद अजीब स्थिति है।”

अब देखना होगा कि BCB इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और क्या वाकई BPL में फिक्सिंग का कोई बड़ा रैकेट सामने आता है या नहीं।