सूरत: शहर की पांडेसरा पुलिस ने अलग-अलग इलाकों से करीब 15 फर्जी डॉक्टरों को पकड़ा है जो बिना डिग्री के डॉक्टर बनकर लोगों की जिंदगी से समझौता कर रहे थे। फिलहाल उसके क्लीनिक से दवाइयां, इंजेक्शन और सिरप समेत कुल 59,350 रुपये जब्त किए गए हैं.
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों से पूछताछ करने पर पता चला कि वे पहले अलग-अलग अस्पतालों में चपरासी के पद पर कार्यरत थे. इसलिए जब उन्होंने खुद को चिकित्सा के क्षेत्र में जानना शुरू किया, तो उन्होंने अपना क्लिनिक खोला और अभ्यास करना शुरू कर दिया। फिलहाल पांडेसरा पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की जांच कर रही है.
आरोपियों की पहचान राजाराम केशवप्रसाद दुबे [उम्र 34], योगेशभाई मदनभाई पाटिल [उम्र 48] राजेशभाई बंशीलाल पटेल [उम्र 48], ब्रजभूषणसिंह तारकेश्वरसिंग रवानी [उम्र 55], राजकुमार सोहनलाल गुप्ता [उम्र 45], प्रदीप मोतीला पांडे [उम्र 45] के रूप में हुई है। 45] 51], विजय बाबूलाल यादव [डी.52], मुकेश कमलाकतन हाजरा [डी.50], रंजीतकुमार पारसभाई वर्मा [डी.49], असित अखिल रॉय [डी.40], चंद्रभान केदारनाथ पटेल [डी.42] , ओंकारनाथ रामप्रसाद कर्णधर [उम्र 55], राजनारायण श्रीबंसी यादव [उम्र 60] मनोज सुखभेन्द्र मिश्रा [उम्र 39] और प्रमोद अमरेज मोरया [उम्र 37] ने कानूनी कार्रवाई की है।