सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ-साथ किसानों की मांगों को दबाने के लिए हरियाणा सरकार को भी आड़े हाथों लिया है. कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को सख्त शब्दों में खोलने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड हटाने का निर्देश दिया और हरियाणा सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि वह हाईवे कैसे बंद कर सकती है.
कोर्ट ने कहा, हम अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने और ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए कह रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन के दौरान 22 वर्षीय प्रदर्शनकारी की मौत की न्यायिक जांच के खिलाफ हरियाणा की याचिका पर सुनवाई स्थगित करते हुए यह टिप्पणी की।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने यह निर्देश तब दिया जब हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि हम उच्च न्यायालय के 10 जुलाई के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की प्रक्रिया में हैं।
हाल ही में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को एक हफ्ते के अंदर बैरिकेड हटाकर खोलने का आदेश दिया था. किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में दिल्ली तक मार्च करने की घोषणा की है। इसके बाद फरवरी में हरियाणा सरकार ने अंबाला-नई दिल्ली नेशनल हाईवे पर बैरिकेडिंग कर दी.