सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश यशवंत वर्मा का अभी तबादला नहीं किया गया है, लेकिन फिलहाल इस पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह प्रस्ताव उनके घर में घटी किसी घटना से संबंधित नहीं है। न्यायमूर्ति वर्मा विवाद के केन्द्र में हैं, क्योंकि हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि उनके सरकारी आवास से भारी मात्रा में नकदी मिली थी। ऐसी अफवाहें थीं कि उनका स्थानांतरण इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हो गया है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने बयान में कहा कि जजों के तबादले के प्रस्ताव की अभी पूरी तरह जांच नहीं हुई है और यह कथित नकदी घटना से अलग है।
प्रस्ताव पर चर्चा:
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जस्टिस वर्मा के घर हुई घटना को लेकर गलत सूचनाएं और अफवाहें फैलाई जा रही हैं। सर्वोच्च न्यायालय के बयान में कहा गया है कि न्यायमूर्ति वर्मा, जो दिल्ली उच्च न्यायालय में वरिष्ठता में दूसरे स्थान पर हैं और कॉलेजियम के सदस्य भी हैं, को मूल उच्च न्यायालय, यानी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर अभी भी चर्चा चल रही है। वहां उनकी वरिष्ठता नौवें स्थान पर होगी। यह स्थानांतरण प्रस्ताव सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शुरू की गई नकदी विवाद जांच से पूरी तरह अलग है।
नकदी विवाद की जांच
न्यायमूर्ति वर्मा के घर से कथित नकदी बरामदगी की घटना की जांच के संबंध में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय ने पहले ही आंतरिक जांच शुरू कर दी है ताकि साक्ष्य और जानकारी हासिल की जा सके। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने 20 मार्च 2025 को होने वाली कॉलेजियम की बैठक से पहले ही जांच शुरू कर दी थी। जांच सौंपने के बाद सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट की समीक्षा करेगा और आवश्यक कार्रवाई करेगा।
दूसरी ओर, दिल्ली अग्निशमन सेवा प्रमुख अतुल गर्ग ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है जिसमें कहा गया हो कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के घर पर अग्निशमन अभियान के दौरान कोई नकदी नहीं मिली । यहां यह उल्लेखनीय है कि उनका स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब इससे पहले उन्हें पीटीआई की एक रिपोर्ट में यह कहते हुए देखा गया था कि आग बुझाते समय दमकल कर्मियों को कोई नकदी नहीं मिली।
इससे
पहले रिपोर्ट में गर्ग के हवाले से कहा गया था कि आग बुझाने के तुरंत बाद हमने पुलिस को घटना की जानकारी दी। इसके बाद अग्निशमन विभाग की टीम वहां से चली गई। आग बुझाते समय हमारे अग्निशमन कर्मियों को कोई गुप्त स्थान नहीं मिला। हालांकि बाद में गर्ग ने इस बयान का खंडन करते हुए कहा कि पीटीआई द्वारा चलाया जा रहा बयान मेरा नहीं है।