सुप्रीम कोर्ट ने 6 महीने से बंद शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि हाईवे पार्किंग की जगह नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर एंबुलेंस, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और छात्रों के लिए हाईवे की एक लेन खोलने का आदेश दिया। इसके लिए पंजाब और हरियाणा के डीजीपी के अलावा पटियाला, मोहाली और अंबाला के एसपी को इस पर फैसला लेने के लिए कहा गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई 22 अगस्त को होगी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर पंजाब और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों के बीच सहमति है तो सुनवाई की तारीख का इंतजार करने की जरूरत नहीं है.
शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश को हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सरकार की याचिका पर आज यानी सोमवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. इस बीच पंजाब और हरियाणा दोनों सरकारों ने एक स्वतंत्र समिति बनाने के लिए प्रमुख लोगों के नाम कोर्ट में दिए हैं, जो बॉर्डर खुलवाने के लिए किसानों और सरकार के बीच पुल का काम करेगी.
आपको बता दें कि जब दोनों सरकारों की ओर से नाम दिए गए तो कोर्ट ने कहा कि अगर आप दोनों राज्यों को नाम देने पर सहमत होने में सफल हो गए हैं तो ऐसे में आप किसानों की बात पर सहमत क्यों नहीं होते. क्योंकि यहां नेशनल हाईवे पर पार्किंग नहीं है। अदालत ने कहा कि बेशक पैदल यात्रियों के आवागमन की अनुमति दी जानी चाहिए, लेकिन वे वाहन सड़क पर चलने योग्य हैं। सड़क बंद होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.