Jamnagar : वनतारा पर सुप्रीम कोर्ट की SIT ने दी क्लीन चिट, आरोपों को बताया निराधार
News India Live, Digital Desk: रिलायंस इंडस्ट्रीज के निदेशक अनंत अंबानी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 'वनतारा' को लेकर चल रहे विवादों पर अब विराम लग गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (SIT) ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और 'वनतारा' को सभी आरोपों से क्लीन चिट दे दी है। SIT ने अपनी जांच में पाया कि इस प्रोजेक्ट के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और यहां जानवरों की देखभाल अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार की जा रही है।
क्या था पूरा मामला और क्यों बनी थी SIT?
'वनतारा', जो गुजरात के जामनगर में स्थित है, दुनिया के सबसे बड़े एनिमल रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर्स में से एक है। इसकी शुरुआत इसी साल हुई थी। हालांकि, इसके शुरू होने के बाद कुछ पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने याचिकाएं दायर कर आरोप लगाया था कि 'वनतारा' में जानवरों को लाने और रखने के लिए नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। इन याचिकाओं में दावा किया गया था कि जानवरों के ट्रांसफर के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) से जरूरी मंजूरी नहीं ली गई।
इन्हीं गंभीर आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक उच्च-स्तरीय SIT का गठन किया था, जिसमें वन्यजीव विशेषज्ञ, पशु चिकित्सक और कानूनी विशेषज्ञ शामिल थे।
SIT की जांच में क्या सामने आया?
SIT ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने 'वनतारा' में हर पहलू की गहन जांच की। उन्होंने पाया कि:
- जानवरों को 'वनतारा' में लाने की पूरी प्रक्रिया कानूनी और सभी आवश्यक मंजूरियों के साथ की गई थी।
- यहां जानवरों को रखने, उनके इलाज और खान-पान की व्यवस्था विश्व स्तरीय है।
- जानवरों की देखभाल के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों और स्टाफ की एक बड़ी टीम मौजूद है।
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि 'वनतारा' वन्यजीव संरक्षण और घायल जानवरों की सेवा करने की दिशा में एक सराहनीय काम कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की SIT से मिली इस क्लीन चिट के बाद, 'वनतारा' प्रोजेक्ट और रिलायंस फाउंडेशन को एक बड़ी राहत मिली है। यह फैसला उन आरोपों पर भी विराम लगाता है जो इस नेक पहल पर सवाल उठा रहे थे।
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