सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन को लेकर गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी पर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि राज्य के अधिकारियों और कुछ किसान नेताओं द्वारा मीडिया में गलत धारणा फैलाई जा रही है कि डल्लेवाल का अनशन खत्म कराने की कोशिश हो रही है। न्यायालय ने इस तरह के बयानों को स्थिति को और जटिल बनाने वाला बताया।
कोर्ट का स्पष्ट रुख: अनशन खत्म करने का निर्देश नहीं
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने स्पष्ट किया कि अदालत ने कभी भी डल्लेवाल का अनशन खत्म करने का निर्देश नहीं दिया है।
- अदालत का उद्देश्य:
कोर्ट ने कहा, “हम केवल डल्लेवाल की सेहत को लेकर चिंतित हैं और चाहते हैं कि उन्हें जल्द से जल्द चिकित्सा सहायता मिले।” - पंजाब सरकार पर नाराजगी:
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि पंजाब सरकार के अधिकारी और कुछ किसान नेता मीडिया में गैर-जिम्मेदाराना बयान देकर स्थिति को जटिल बना रहे हैं।
पंजाब सरकार के अधिकारियों को निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से हलफनामा दाखिल करने को कहा है। इसमें यह बताना होगा कि 20 दिसंबर के आदेश का कितना पालन किया गया।
- कोर्ट का 20 दिसंबर का आदेश:
पंजाब सरकार को निर्देश दिया गया था कि डल्लेवाल को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित किया जाए। - न्यायालय का संदेश:
पीठ ने कहा कि उम्मीद है, अदालत का संदेश जमीनी स्तर तक पहुंचेगा और इसे सही तरीके से लागू किया जाएगा।
पंजाब सरकार का पक्ष:
महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने कहा कि डल्लेवाल का अनशन खत्म कराने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।
- सरकार का प्रयास:
उन्होंने कहा कि डल्लेवाल को अपना अनशन जारी रखते हुए चिकित्सा सहायता लेने के लिए मनाने की कोशिश की जा रही है।
डल्लेवाल की नई याचिका और केंद्र को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल की नई याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
- याचिका में मांगे गए निर्देश:
डल्लेवाल ने केंद्र सरकार से कृषि कानूनों के निरस्त होने के बाद किए गए वादों को पूरा करने की मांग की है। इनमें एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी प्रमुख है। - अगली सुनवाई की तारीख:
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 जनवरी की तारीख तय की है।
न्यायालय का संदेश: किसानों और सरकार को सहयोग से हल निकालने की जरूरत
सुप्रीम कोर्ट ने जोर दिया कि डल्लेवाल और अन्य किसान नेताओं के प्रति सद्भाव दिखाना जरूरी है। कोर्ट ने पंजाब सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि डल्लेवाल की सेहत से कोई समझौता न हो।
यह मामला एक बार फिर किसान आंदोलन के अधूरे वादों और सरकार की जवाबदेही की ओर ध्यान केंद्रित करता है। आने वाले दिनों में, अदालत का रुख और केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया इस मुद्दे को हल करने में अहम भूमिका निभाएगी।